Bokaro: रिटायर्ड बीएसएल कर्मी के पुत्र मनीष सिंह ने कुछ साल पहले तक, यह सपने में भी नहीं सोचा था, की वह फिल्म बनाएंगे और उनकी बनाई मूवी न्यूयोर्क के एफ्रोडाइट फिल्म अवार्ड्स के फाइनल राउंड और स्पेन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के नॉमिनेशन में चुनी जाने वाली विश्व की कुछ चुनिंदा फिल्मों में से एक होगी।
बोकारो के सेक्टर -3 निवासी मनीष की फिल्म ‘GREEN’ स्पेन फील फेस्टिवल के ‘best international feature film’ केटेगरी के चौथे स्थान पर है। वही न्यूयोर्क के एफ्रोडाइट फिल्म अवार्ड्स के फाइनलिस्ट में जगह बना चुकी है। मनीष इस फिल्म के प्रोडूसर है। उन्हें और उनके पुरे टीम को अब इंतज़ार है तो बस अवार्ड्स की घोषणा का।

इस मूवी ‘GREEN’ की दो खास बात है। पहली तो यह की फिल्म की शूटिंग अधिकतर बोकारो और झारखण्ड के विभिन्न स्थानों पर हुई है और दूसरी की इसकी कहानी बहुत ही रोचक और प्रेरणात्मक है। मनीष कुमार सिंह ने कहा कि उनकी फिल्म ‘ग्रीन’ युवाओं के जीवन पर आधारित है। इस फिल्म में एक युवक की कहानी को दर्शाया गया है, जो अपने जीवन में मानसिक अवसाद से ग्रस्त होने के बाद कैसे उससे उभरता है। भारत में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं और अवसाद और नशे की लत से जूझ रहे युवाओं को लेकर यह फिल्म बनाई गई है।
यशस्विनी फिल्म के बैनर तले बानी हिंदी फीचर फिल्म ‘ग्रीन’ ने झारखंड इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी 4 अवार्ड हासिल किये। देखने वालो ने फिल्म की कहानी, किरदारों के अभिनय और साथ ही झारखण्ड की ख़ूबसूरती को बखूबी दर्शाने के लिए फिल्म ‘ग्रीन’ की काफी तारीफ की। हालांकि कोरोना के चलते मनीष की यह फिल्म मूवी हॉल में रिलीज़ नहीं हो पायी, पर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल्स में धूम मचाने में कामयाब रही। मनीष का कहना है की उन्हें स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म से मूवी रिलीज़ करने के ऑफर मिला है, पर वह फिल्म फेस्टिवल के रिजल्ट्स का इंतज़ार कर रहे है।
मनीष का कहना है की वह बोकारो के केंद्रीय विद्यालय नंबर-2 से पढ़े है। अपनी शिक्षा खत्म करने के बाद वह रियल एस्टेट में आ गए और काफी सफल रहे। फिर भी उन्हें अपना जीवन अधूरा लग रहा था। इसी बीच इनकी पहचान फिल्म निर्माता प्रशांत नागेंद्र से हुई। उसके बाद उनकी दिलचस्पी फिल्मों में बढ़ी और वह फिल्म जगत से जुड़ गए। ‘ग्रीन’ उनकी पहली फिल्म है। मनीष का कहना है उन्हें बेहद ख़ुशी है की उनकी पहली फिल्म इस मुकाम तक पहुंची।
हालांकि कोरोना के वजह से मनीष को काफी कुछ झेलना पड़ा, लेकिन उससे उभरते हुए वह अपनी दूसरी फिल्म की तैयारी में लगे हुए है। उनका यह मानना है की वह अपनी हर फिल्म की शूटिंग अधिकतर झारखण्ड के लोकेशन में करेंगे, ताकि उनका शहर और राज्य आकर्षण का केंद्र बने। उनका यह भी मानना है की उनकी फिल्म की कहानी सबसे अलग और प्रेरणात्मक हो।
