Bokaro: स्कूल खोलने सम्बंधित झारखंड सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद इस राज्य के शैक्षणिक राजधानी कहे जाने वाले बोकारो के स्कूलों ने तैयारियां शुरु कर दी हैं। कक्षा 10 और 12 वीं के छात्रों में भी काफी ख़ुशी है। फिलहाल शहर के लगभग सभी स्कूल छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं संचालित कर रहे हैं। पर कोविद -19 लॉकडाउन के बाद, अब बच्चो को स्कूलो में सुरक्षा को लेकर कुछ नए नियमो का पालन करना होगा।
उन्हें फेसमास्क पहनना होगा, हैंड सैनिटाइज़र ले जाना होगा, और क्लास में पढ़ाई के दौरान सामाजिक दूरी बनाए रखना होगा। स्कूल भी बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी सावधानियों का ध्यान रख रहे है। डॉ एस राधाकृष्णन सहोदय स्कूल परिसर (सभी निजी स्कूलों के एक संघ) के अध्यक्ष ए एस गंगवार, ने कहा कि स्कूलों को फिर से खोलने के बारे में झारखंड सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद जिले के स्कूलों ने तैयारी शुरू कर दी है।


गंगवार जो सीबीएसइ के सिटी कोऑर्डिनेटर और ख्याति प्राप्त दिल्ली पब्लिक स्कूल, बोकारो के प्राचार्य भी है, ने कहा की झारखंड सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है। जिला प्रशासन के गाइडलाइन्स का इंतजार है। इसके साथ ही विद्यार्थियों के अभिभावकों की सहमति के बाद ही विद्यार्थी स्कूल आएंगे। स्कूल खुलने का इंतजार सभी को है। स्कूल खुलने के बाद भी सतर्कता जरूरी है। कोविड को ध्यान में रखकर सभी जरूरी ऐहतियात बरते जाने की जरूरत है। इस संबंध में सरकार से प्राप्त गाइडलान्स के अनुसार ही स्कूलों का संचालन होगा।

शहर के दूसरे नामचीन स्कूल, चिन्मया विद्यालय के सेक्रेटरी, महेश त्रिपाठी ने कहा कि सरकार के दिशानिर्देशों, SoP का हम सख्ती से पालन करेंगे। छात्रों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान रहेगा। उन्होंने यह भी कहा की, “हमे शिक्षा के एक तरह के हाइब्रिड सिस्टम को फॉलो करना होगा, क्योंकि वर्तमान में केवल वरिष्ठ छात्र छोटे बैचों में कक्षाओं में भाग लेंगे, जबकि बाकी छात्र ऑनलाइन मोड के माध्यम से पढ़ाई जारी रखेंगे। हम एक इष्टतम-शिक्षण परिणाम प्राप्त करने पर काम कर रहे हैं ”।

पेंटेकोस्टल स्कूल असेंबली के निदेशक, डैनियल प्रसाद ने कहा, “हम छात्रों के लिए स्कूल के मुख्य द्वार पर नवनिर्मित पानी के नल लगाए है। बच्चो के तापमान की जाँच करने वाले उपकरणों के अलावा कक्षाओं को सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन के साथ साफ किया जा रहा है। हम कक्षा 10 और 12 को अलग-अलग शिफ्ट में करने पर विचार कर रहे है। छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि है। साथ ही सहमति प्रपत्र पहले ही माता-पिता को ईमेल कर दिए गए हैं -बच्चो को भेजने के लिए उनकी सहमति लेना आवश्यक है”।

अय्यप्पा पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर, स स महापात्रा ने भी बताया की बच्चो के आने के दिन से उनकी सुरक्षा को लेकर थर्मल चेकिंग और सैनिटाइजेशन पर ध्यान देंगे। माता-पिता की सहमति जरुरी होगी। एक मेज पर एक छात्र के साथ ज़िगज़ैग तरीके से बैठने की व्यवस्था की जा रही है।

जिले के दो ICSE स्कूलों में एक, सेंट जेवियर्स स्कूल के फादर जेम्स ने कहा, “छात्रों को कक्षाओं में आने के लिए अभिभावकों की सहमति जरुरी है। हम माता-पिता को एक फॉर्म ईमेल करंगे, जिसमें उन्हें अपने वार्ड को स्कूल में कक्षाओं में भाग लेने के लिए एक हस्ताक्षर देना होगा। 26 दिसंबर, 2020 को या उससे पहले स्कूल के गेट पर जमा करना होगा। पर्याप्त शारीरिक दुरी सुनिश्चित करने के लिए, प्रति सत्र में छात्रों की संख्या कम रहेगी। हम अपने ऑनलाइन क्लास सिस्टम को मॉडिफाई करने पर भी काम कर रहे हैं, ताकि स्कूल आने वाले बच्चे और घर पर रहकर पढ़ाई करने वाले बच्चे दोनों लाभान्वित हो सके”।
