Bokaro : बीते नवंबर माह में बीएसएल के हॉट स्ट्रिप मिल में अति महत्वपूर्ण फिनिशिंग स्टैंड एफ-11 के 150 टन वजनी 10 मेगावाट क्षमता वाले विशालकाय डी सी मोटर में खराबी आ गयी थी। प्रोडक्शन प्रभावित होने लगा। अचानक आई तकनीकी समस्या के उपरांत इसके रिपेयर के लिए पहले बाहरी अनुरक्षण विशेषज्ञों से संपर्क किया गया। परन्तु उन्होंने मोटर रिपेयर के लिए 6 महीने का समय और बड़ी लागत का अनुमान बताया। विशेषज्ञों ने एक प्रकार से यह चैलेंज किया की यह मोटर 6 महीने से पहले बन ही नहीं सकता।
यह बात प्लांट में काम करने वाले कुछ इंजीनियरस को पसंद नहीं आई। उन्हें यह चैलेंज जैसा लगा। फिर क्या था, उन्होंने आपस में मीटिंग कर चुनौती स्वीकार की। मैनेजमेंट को बोल दिया की उनपर भरोसा रखे वह मोटर बना देंगे। उन्होंने फिर प्लांट के स्टोर में वर्षो से पड़े कल-पुर्जे का टटोला और रिपेयरिंग कार्य में इस्तमाल करने के लिए निकला। बीएसएल के अभियंताओं की टीम ने वरीय अधिकारियों के मार्गदर्शन में स्वयं मोटर रिपेयर का कार्य किया। आतंरिक संसाधनों से ही रिपेयरिंग का कार्य कर मात्र चौदह दिनों के रिकॉर्ड समय में ही सम्पूर्ण कर दिया।

यह सम्मान उनके जज्बे को दी गयी सलामी थी, जिसकी बदौलत उन्होंने संकट के घड़ी में बीएसएल प्लांट को उभारा था। सम्मान प्राप्त यह 15 अधिकारी प्लांट में जहां दुसरो के लिए उदाहरण बने, वही “पुनरुथान- एक नई शुरुआत” जैसे परिवर्तनात्मक अभियान के रखी गई नींव का हिस्सा भी है। इनकी काबिलियत ने सेल मैनेजमेंट के निगाह में बीएसएल प्लांट में काम करने वाले हरेक इंजीनियर के प्रति इज्जत बढ़ा दी है। इन अधिकारियों की सोच, मेहनत और आत्मविश्वास ने मैनेजमेंट को एक नई दिशा दी है।
बीएसएल मैनेजमेंट बोकारो शहर और प्लांट में बंद और जर्जर पड़े सम्पतियों को अपने इन्ही इंजीनियरस के बदौलत जान डालने की कोशिश कर रहा है। बीएसएल मैनेजमेंट खास तौर पर डायरेक्टर इंचार्ज अमरेंदु प्रकाश को विश्वास है की प्लांट में काम करने वाले यह इंजीनियरस कोई भी चैलेंज स्वीकार कर सकते है। उनकी टीम देश की इंजीनियरस की सबसे बेहतरीन टीम है। कुछ महीनो पहले प्लांट के यही इंजीनियरस ने अपनी कलाकारी से कंपनी के न सिर्फ लाखो रुपये बचाय बल्कि एक ख़राब मोटर को बिना कोई बाहरी मदद के ठीक कर उत्पादन योग्य बनाया।
विशालकाय डी सी मोटर का आंतरिक संसाधनों से रिकॉर्ड समय में रिपेयर करने अधिकारी ईआरएस, भारी अनुरक्षण(विद्युत) तथा ईटीएल विभाग के थे। प्रशस्ति पत्र प्राप्त करने वाली टीम में महाप्रबंधक (ईआरएस) बी के राय, महाप्रबंधक (ईआरएस) विजय कुमार, वरीय प्रबंधक(ईआरएस) ए पाल, प्रबंधक(ईआरएस) शुभम वर्मा, उप प्रबंधक (ईआरएस) नवीन कुमार, महाप्रबंधक (भारी अनुरक्षण-विद्युत) दिलीप कुमार, महाप्रबंधक (भारी अनुरक्षण-विद्युत) जे पी साहू, वरीय प्रबंधक (भारी अनुरक्षण-विद्युत) संजय बैठा, वरीय प्रबंधक (भारी अनुरक्षण-विद्युत) विक्रम कुमार, प्रबंधक (भारी अनुरक्षण-विद्युत) संदीप वडलामुडी, प्रबंधक (भारी अनुरक्षण-विद्युत) फैयाज अहमद, महाप्रबंधक (ईटीएल) प्रकाश कुमार, उप महाप्रबंधक (ईटीएल) एल सोरन, वरीय प्रबंधक (ईटीएल) अंकुर श्रीवास्तव तथा प्रबंधक (ईटीएल) अरबिंद कुमार शामिल थे।
कार्यक्रम में अधिशासी निदेशक (परियोजनाएं) तथा अतिरिक्त प्रभार (कार्मिक एवं प्रशासन) आर कुशवाहा, अधिशासी निदेशक (सामग्री प्रबंधन) वी के पाण्डेय, अधिशासी निदेशक(संकार्य) अतनु भौमिक, अधिशासी निदेशक (वित्त एवं लेखा) डी के साहा, मुख्य महाप्रबंधकगण (सेवाएँ) बी के तिवारी, मुख्य महाप्रबंधकगण (विद्युत) वेद प्रकाश, मुख्य महाप्रबंधकगण (हॉट स्ट्रिप मिल) आलोक वर्मा सहित ईटीएल, भारी अनुरक्षण (विद्युत) तथा ईआरएस विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

challenges are opportunities in disguise. steel fraternity should be proud of the dedicated attitude, devotion, technicality and tireless goal oriented efforts of the group.
Kudos to the team collective and the leader.