Bokaro : बोकारो निवासी हिंदी के युवा लेखक सत्य व्यास के उपन्यास ‘चौरासी’ पर आधारित फिल्म ‘ग्रहण’ जल्दी ही ओटीटी प्लेटफार्म पर आने वाली है। फिल्म का डायरेक्शन रंजन चंदेल ने किया है। ट्रेलर को दर्शक बेहद पसंद कर रहे हैं। फिल्म 24 जून को डिजनी हॉट स्टार पर रिलीज होगी।
चौरासी के दंगों पर बनी वेब सीरीज
सत्य व्यास ने बताया कि ये फिल्म ‘चौरासी के दंगों पर बनी एक लव स्टोरी है। पूरी सीरीज को आठ-एपिसोड में बनाया गया है। जिसमें शैलेंद्र झा एक स्टोरी लिसनर के रूप में हैं। इसमें प्रख्यात एक्टर पवन मल्होत्रा, जोया हुसैन, अंशुमन पुष्कर साहिदुर रहमान मुख्य भूमिका में है। उपन्यास ‘चौरासी‘ पर बनी ये वेब सीरीज का ट्रेलर युवा आईपीएस अमृता सिंह के एक विशेष मामलें को सौंपे जाने से शुरू होता है।

लेखक के अनुसार युवा आईपीएस को पता चलता है कि उसके पिता पर एक जघन्य अपराध का आरोप लगाया गया है। अपने कर्तव्य और अपने पिता के प्रति प्यार के बीच फंसी अमृता उस पूरे मामलें को जानने के लिए कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ये मुश्किलें व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन पर क्या असर डालती है ये देखना होगा।
करीब से देखा है 84 के दंगे
बोकारो निवासी सत्य व्यास की तीसरी किताब ‘चौरासी’ वेब सीरीज के आधार पर वेव की दुनिया में पहुँच गई है। इसके पूर्व इनकी दो उपन्यास बनारस टॉकिज, बागी बलिया आदि बेस्ट सेलर रही है। सत्य बताते हैं कि बोकारो मे 84 के दंगों पर उपन्यास लिखा है।
लेखक का परिचय
बोकारो के को- ऑपरेटिव कॉलोनी निवासी सत्य व्यास विगत वर्षों में हिन्दी के उदीयमान लेखक के रूप में उभरे हैं। एक मल्टी नेशनल कंपनी में कार्यरत सत्य व्यास ने हिन्दी में एक नया पाठक वर्ग तैयार कर इस धारणा को गलत साबित किया है कि हिन्दी में पाठकों की कमी है। सत्य व्यास की पिछली दोनों किताबें ‘बनारस टॉकीज’ व ‘दिल्ली दरबार’ बेस्टसेलर रही हैं। दोनों पर फिल्में निर्माणाधीन हैं। सन 2018 के प्रतिष्ठित द्वारका प्रसाद अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित सत्य व्यास संवाद व कथानक लेखन में भी सक्रिय हैं।
सत्य व्यास के पिता, व्यास ओझा, सेवानिवृत बीएसएल कर्मी है। उनकी मां, देवकुमारी देवी है। सत्य व्यास ने 10वीं – बीएसएल हाई स्कूल सेक्टर 2डी (1995) में की थी और 12वीं – वीआईवी 8बी (1997) से किया था।
सत्य व्यास रेलवे में अधिकारी है और फिलहाल कोलकाता में पोस्टेड है। उन्होंने नॉवेल लेखन की शुरुआत एक हॉबी के तौर पर की थी। पर उनकी बेजोड़ लेखनी ने न सिर्फ पाठको के बीच गुम हो रहे हिंदी नॉवेलो के क्रेज को बचाने में एहम भूमिका निभाई, बल्कि वेब सीरीज और बॉलीवुड की दुनिया में अपना दबदबा कायम किया। उनके चाहने वाले कह रहे है की सत्य व्यास ने बस अभी उड़ान भरना शुरू ही किया है। आगे उन्हें बहुत लम्बा सफर तय करना है और आसमान के उस बुलंदी को चुना है जिसे इस शहर का हर बच्चा छूना चाहता है।
