Bokaro: भाजपा के वरीय नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने रविवार को मुख्यमत्रीं, हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहां की उनकी सरकार विपक्ष से डरी और घबराई हुई है। इसलिए वह झारखंड में विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष को मान्यता नहीं दे रहे है। उन्हें अपनी कारगुजारियों का भांडा फूटने का डर है। मुख्यमत्रीं के इशारे पर ही विधानसभा अध्यक्ष ने एक साल से नेता प्रतिपक्ष का मामला लटका रखा है।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि, हेमंत सोरेन सरकार यह नहीं चाहती की सवैंधानिक पदों पर नियुक्ति हो, इससे उनकी कारगुजारिया के सामने का डर हमेशा बना रहेगा। इसकिये वह नेता प्रतिपक्ष को मान्यता नहीं दे रहे। उनकी सोच वही है – न रहेगा बाँस, न बजेगी बांसुरी। उन्होंने बताया की यदि हेमंत सरकार नेता प्रतिपक्ष घोषित करता हैं, तो तत्काल मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्ति करनी होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर भी नियुक्ति करनी पड़ेगी। यह दोनों ही पद रिक्त हैं और नेता प्रतिपक्ष की राय के बिना इनकी नियुक्ति हो नहीं सकती।

इसलिए मुख्यमंत्री चाहते हैं कि कोई नेता प्रतिपक्ष बने ही नहीं। यदि ऐसा हुआ तो मुख्य सूचना आयुक्त से लोग उनकी कारगुजारी की जानकारी मांगेंगे। इतना ही नहीं मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त होने के बाद पंचायत चुनाव एवं नगर निकाय का चुनाव भी उन्हें कराना होगा। उनका अधिकार पंचायत को चला जायेगा। सरकार डेमोक्रेसी का गला घोट रही है। भारतीय जनता पार्टी ने इसके खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है।
बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए यह भी कहां की खनिजों की तस्करी हो या अपराध या नक्सली वारदात, सब चरम पर है। बालू एवं अन्य खनिजों की व्यापक पैमाने पर तस्करी दूसरे राज्यों को हो रही है। बलात्कार के मामले बढ़े है। सरकार हर फ्रंट में फेलियर है। बोकारो विधायक, बिरंचि नारायण, चंदनक्यारी विधायक अमर बाउरी और अन्य नेताओ ने बाबूलाल मरांडी का स्वागत किया।
