Bokaro: झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (JMM) अब खुले तौर पर बोकारो इस्पात संयत्र (BSL) के विस्थापितों के साथ खड़ी हो गई है। इसकी घोषणा झामुमो की जिला कमिटी ने आज रविवार को आधिकारिक रूप से कर दी। नौकरी और सरप्लस ज़मीन वापसी की मांग को ले बोकारो इस्पात संयत्र से चल रहे जद्दोजहत में झामुमो ने अपना पूर्ण समर्थन विस्थापितों को दें दिया है।
राज्य में झामुमो की सरकार होने के कारण विस्थापितों का पलड़ा अब काफी मजबूत हो गया है। बता दें, विस्थापितों द्वारा बीएसएल से सरप्लस ज़मीन वापसी की मांग कुछ हफ्ते पहले इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम को ज़मीन आवंटित करने और 19 विस्थापित गावों में संयत्र का विस्तार करने की बात सामने के बाद से तेज हो गई है।

बोकारो के झामुमो के दिग्गज नेताओ ने विस्थापितो के समर्थन में उतरने का एलान कर दिया है। एहि नहीं विस्थापितों के मामले में भाजपा विधायक बिरंची नारायण को भी जम कर झामुमो के नेताओ ने कोसा। विधानसभा चुनाव में बोकारो से झामुमो के प्रत्याशी रहे मंटू यादव ने शनिवार को बोकारो महानगर समिति की बैठक की।
मंटू यादव ने कहा कि 19 गांव को पंचायत में शामिल कराने के मामले में बोकारो विधायक निचले स्तर की राजनीति कर रहे हैं। भाजपा के 5 वर्षों के डबल इंजन की सरकार में विस्थापित गांव की समस्या का समाधान नहीं करा पाए और अब बातें बना रहे है। बोकारो विधायक के साथ-साथ बेरमो के पूर्व विधायक जोगेश्वर महतो बाटुल दूरदर्शी है। जिधर से फोरलेन पर गुजरती है वहां पर डीपीएलआर से जमीन अपने नाम करा लेते हैं।
मंटू यादव ने कहा कि “योगेश्वर महतो बाटुल जी को भी बताना चाहिए कि उत्तरी क्षेत्र या दक्षिणी क्षेत्र के कितने विस्थापितों को उन्होंने अपने फोरलेन वाले अपार्टमेंट के बगल में जमीन दिलवाया है। बोकारो के विस्थापितों से मेरी यह अपील है कि वे इन गिरगिट नेताओं के चक्कर में ना पड़े यह मौसम देखकर रंग बदलने वाले लोग हैं”।
यादव के ब्यान देने के तुरंत बाद आज रविवार को झामुमो के जिला अध्यक्ष हीरालाल मांझी ने झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के सेक्टर1, कार्यालय मे मीटिंग किया। उन्होनें कहा की, “हमने तय किया है कि झामुमो अब विस्थापितों के हक़ के लिए बीएसएल से सरप्लस ज़मीन वापसी की लड़ाई लड़ेगी। साथ ही झामुमो अब बीएसएल को ज़मीन बेचने से भी रोकेगी। हम विस्थापितो की सभी समस्याओ के लिए उनके साथ खड़े है”।
झामुमो नेता ने साफ़ कहा कि अब बीएसएल प्रबंधन को विस्थापितों की सरप्लस जमीन वापस करनी पड़ेगी। इसके लिए झारखण्ड मुक्ति मोर्चा विस्थापितो के साथ आरपार की लड़ाई एवं आंदोलन भी करेगी। बीते दिन विधानसभा कि ध्यानआकर्षण समिती ने भी विस्थापितो के मुद्दो को जमीनी स्तर पर ध्यान आकृष्ट कर सरप्लस जमीन वापस करने की बात कही थी।
