Bokaro: आज फिर बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) के इस्पात भवन के सामने प्रदर्शन का दौर जारी रहा। दो अलग-अलग गुटों ने अपनी अपनी मांगो को ले आवाज़ बुलंद की। एक विस्थापित संघ था तो दूसरा बोकारो मृत कर्मचारी आश्रित संघ। दोनों का डिमांड करीब-करीब एक ही था, पर प्रदर्शन के तरीके अलग-अलग थे। कई विस्थापित, झारखण्ड बेरोजगार विकास मंच, के बैनर के तले मोटरबाइक रैली लेकर आए, कुछ देर नौकरी की मांग को ले वहाँ रुक कर प्रदर्शन किया और वापस लौट गए। हालांकि लौटने के पहले उनकी मांगे नहीं मांगे जाने पर प्रदर्शन को और उग्र करने की चेतावनी भी दी। बेरोजगार विकास मंच के जिलाध्यक्ष, फूलचंद महतो ने प्रबंधन को कह दिया या तो नौकरी दे या उनकी खाली पड़ी जमीं वापस करे।

इस्पात भवन के सामने तैनात JAP के जवान विस्थापितों के जाने के बाद, कुछ देर चैन की साँस लेने की सोच रहे थे, की इससे पहले 60 -70 के संख्या में बोकारो मृत आश्रित संघ के प्रदर्शनकारी गेट के नजदीक आ नारेबाजी करने लगे। नारेबाजी करते हुए वह लोग इतने सेंटीमेंट्स में आ गए की वह मेन गेट की ओर बढ़ने लगे। उनको रोकने के लिए जैसे पुलिस के जवान आगे बड़े तो थोड़ी धक्का-मुक्की हो गयी। हालांकि स्तिथि नियंत्रित थी पर पुलिसवाले तब तक वहाँ डटे रहे जब तक प्रदर्शनकारी चले नहीं गए।

इन दोनों प्रदर्शनों की आवाज़ और प्रदर्शनकारियों का दर्द, बीएसएल के डायरेक्टर इंचार्ज या अन्य वरीय अधिकारियों के केबिन तक पहुँच पाया की नहीं यह तो आने वाला वक़्त बताएगा। बोकारो मृत कर्मचारी संघ के अध्यक्ष, नीरज वैश्या ने कहा की नियोजन की मांग को लेकर आज पिछले10 वर्षो से उनका संघ संघर्ष करता आ रहा है। लेकिन यह प्रबंधन ने हमको आज तक केवल आश्वासन के नाम पर ठगती चली आ रही है। हमलोगो के पिता की मृत्यु के बाद हमारा डीए, बेसिक इन्होंने रखा हुआ है।

नीरज ने कहा, प्रावधान के अनुसार नियोजन मांगने पर बार-बार प्रबंधन से मिलता है सिर्फ आश्वासन। हमारे संघ में 300 लोग है। पिछले दिनों अनुमंडलीय पदाधिकारी के यहां पर एक मीटिंग हुई थी, जिसमें कहा गया था कि आपकी नियोजन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। एनजेसीएस के नेताओं ने भी बार-बार बीएसएल प्रबंधन को कहा लेकिन यह लोग हमारी एक भी बात नहीं सुने। मजबूरी वश अपनी बात रखने के लिए हमलोग प्रशासनिक भवन के सामने सांकेतिक रूप से आज धरना प्रदर्शन किया। लेकिन प्रबंधन ने लाठी-डंडे से हमारी मांगो को दबाने की कोशिश की। पर हम लोगों ने सभी कुछ खो दिया है अब हमारे पास खोने को कुछ भी नहीं है।
BSL के तरफ से इस मामले में कोई भी ब्यान नहीं दिया गया। वही पुलिसवालो ने किसी भी तरह की धक्का-मुक्की होने से साफ़ इंकार कर दिया।
