Bokaro: तेनुघाट स्थित बेरमो न्यायालय ने मंगलवार को राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के छोटे भाई बैजनाथ महतो सहित सात लोगों को संतोष पांडेय नमक व्यक्ति के हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। संतोष की मौत गंभीर चोट लगने के वजह से अस्पताल में हुई थी। संतोष जिस लड़की को ट्यूशन पढ़ाता था उससे प्यार करने लगा था। और दोनों चुपचाप चेन्नई चले गए थे। यह लोग दोनों को पकड़ कर वापस लाये और संतोष की काफी बुरी तरीके से पिटाई की थी।
एडिशनल जिला और सत्र न्यायाधीश -1, बेरमो, राजीव रंजन ने अभियुक्त बैजनाथ महतो, गणेश भारती, नेमी पुरी, कैलाश पुरी, जितेंद्र पुरी, नीरज पुरी और केवल महतो को अपराध में दोषी पाया है। कोर्ट ने आजीवन करावास की सजा सुनते हुए प्रत्येक आरोपी पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। संजय सिंह, बेरमो कोर्ट के अतिरिक्त सरकारी वकील (एपीपी) ने कहा की शुरुआत में इस कांड में जगन्नाथ महतो सहित 11 अभियुक्त थे।

मृतक के बड़े भाई, अनंत लाल पांडे ने 20, मार्च 2014 को नवाडीह पुलिस थाने में FIR दर्ज कराया था। लेकिन जांच के दौरान कोई सबूत नहीं होने के कारण जगरनाथ महतो का नाम पुलिस ने हटा दिया था। इसके अलावा अन्य तीन आरोपियों सत्येंद्र गिरी, मेहलाल पुरी और सूरज पुरी को भी सबूतों के अभाव में कोर्ट ने रिहा कर दिया था। संतोष अलारगो गांव का रहने वाला था। घटना के वक़्त उसकी उम्र 25 साल थी।
संतोष और वह लड़की 12 मार्च, 2014 को चेन्नई चले गए थे। लेकिन बाद में अपराधियों द्वारा उन्हें खोज कर चेन्नई से वापस ले आया गया। लड़की को उसके रिश्तेदार के घर में रखा गया, जबकि संतोष को पंचायत लगाकर बुरी तरह से पीटा गया। जिससे उसकी मौत हो गयी।
हालाँकि, अस्पताल में अपनी मौत से पहले संतोष ने एक समाचार चैनल को बयान दिया था। जिसमें उसने बैद्यनाथ महतो और अन्य छह लोगों द्वारा उसकी पिटाई करने की बात कहीं थी। उस वीडियो रिकॉर्डिंग की सीडी बाद में पुलिस ने फॉरेंसिक परीक्षण के लिए भेजी थी और उसे अदालत में पेश किया गया था।
इस मामले में, 4 जनवरी को अदालत ने सात लोगों को दोषी ठहराया। इससे पहले, अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 34 गवाहों का बयान दर्ज किया गया था। कोरोना के चलते, इस केस का ट्रायल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुआ था। बैद्यनाथ पहले से ही जेल में बंद है, बाकी छह मुजरिमो को आज जेल भेज दिया गया।
