Bokaro: कांग्रेस उम्मीदवार कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह ने अपनी जीत के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए जहा एक तरफ अपनी जीत को उनके स्वर्गीय पिता राजेंद्र सिंह की जीत बताया, वही दूसरी ओर भाजपा की हार का ठीकरा गिरिडीह के सांसद और आजसू के वरिष्ठ नेता चंद्रप्रकाश चौधरी पर फोड़ दिया। जयमंगल ने साफ़ लफ्जो में यह कहा की कही न कही विपक्ष को चंद्रप्रकाश चौधरी का चेहरा चुनाव में सामने लाना महंगा पड़ा।
बेरमो की जनता संसदीय चुनाव के एक साल के अंदर ही चौधरी को समझ गयी थी। जिस तरह उन्होंने बेरमो की जनता को जातिवाद, बाहरी-भीतरी और वंशवाद के नाम पर बरगलाने की कोशिश की थी उसे जनता ने नकार दिया। बेरमो के लोगो ने ऐसे नेताओ को सबक सिखाया है। चौधरी अपने रामगढ विधानसभा में खुद अपनी पत्नी और भाई को चुनाव में खड़ा कर वंशवाद करते है, और यहां बेरमो की जनता को बरगलाते है।

चंद्रप्रकाश चौधरी हो या आजसू प्रमुख सुदेश महतो, इनलोगो ने आजतक कभी किसी का भला नहीं किया। यह सिर्फ अपना भला जानते है। सरकार में रहकर कुर्सी का फायदा उठाना जानते है। जयमंगल ने यह भी कहा की इस उपचुनाव में भाजपा को आजसू का साथ मिलने से उसके वोट में बढ़ोतरी हुई है, पर कांग्रेस का वोट बैंक कम नहीं हुआ है। वह पिछले 2019 के विधान सभा के मुकाबले इसबार अधिक वोट लाये है।

कांग्रेस उम्मीदवार कुमार जयमंगल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के योगेश्वर महतो को 14,225 मतों से हराकर उपचुनाव जीता है। जयमंगल ने 94022 वोट हासिल किए हैं। जो पिछले किसी भी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी को प्राप्त वोटो की संख्या से अधिक है। वही योगेश्वर महतो को 79797 मत मिले। जयमंगल के जीतने से कांग्रेस अपनी बेरमो सीट बरकरार रखने में कामयाब रही। 35-वर्षीय जयमंगल दिवंगत बेरमो विधायक और दिग्गज कांग्रेसी नेता राजेंद्र सिंह के बड़े बेटे हैं। जयमंगल ने 10 महीने पहले आयोजित विधानसभा चुनाव -2019 में अपने दिवंगत पिता को प्राप्त वोटो से अधिक वोट हासिल किए हैं।
स्वर्गीय सिंह ने 2019 में महतो को 25172 वोटों से हराकर विधानसभा चुनाव जीता था। सिंह ने तब 88,945 वोट हासिल किए थे। सिंह की मृत्यु के बाद उपचुनाव 25 मई को घोषित किया गया। जयमंगल राज्य में युथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष थे। उनके राजनीतिक परिपक्वता को देखते हुए कांग्रेस ने उनपर भरोसा जताया। जयमंगल ने पहले बार विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वर्तमान में, उनके छोटे भाई कुमार गौरव युवा कांग्रेस के अध्यक्ष हैं।
जयमंगल ने चुनाव जीतकर अपने पिता की विरासत को बनाये रखा। बेरमो विधानसभा उपचुनाव में 16 उम्मीदवार मैदान में थे। पहले और दूसरे दौर की मतगणना में जयमंगल और महतो के बीच अच्छी टक्कर रही। लेकिन उसके बाद तीसरे दौर जयमंगल ने लगभग 487 मतों बढ़त बनाई। पांचवें दौर में उनकी बढ़त 3000 से अधिक वोटों की रही। इसके बाद आगे के राउंड में जयमंगल लीड लेते रहे और अंतिम 17 वें राउंड में जीत हासिल की।

अपनी जीत के बाद जयमंगल ने कहा “यह मेरे पिता स्वर्गीय राजेन्द्र सिंह की ईमानदारी और काम की जीत है। यह जीत का पूरा श्रेय अपनी मां, भाई, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कांग्रेस नेताओं रपीएन सिंह, रामेश्वर उरांव और महागठबंधन के अन्य नेताओं को देता हूँ। मेरी असली जीत और पिता को श्रदांजलि चार साल बाद होगी, जब मैं फिर से विधानसभा चुनाव अपने काम और नाम के दम से लडूंगा। ‘
उन्होंने यह भी कहा की, “आने वाले चार साल मेरे लिए बहुत कीमती हैं क्योंकि मुझे अपने क्षेत्र में और अधिक मेहनत करनी है। मैंने महसूस किया है कि यह की जनता को केवल काम दीखता है। वह किसी के बरगलाने में नहीं आती। जो क्षेत्र के विकास के लिए ईमानदारी से काम करेगा वही जीतेगा। इस बार उन्होंने मेरे पिता की प्रतिष्ठा के कारण मुझ पर अपना विश्वास दिखाया। लेकिन अगली बार के विधानसभा चुनाव में मेरी जीत और हार विशुद्ध रूप से मेरे काम के आकलन पर होगा।”
