Bokaro: जिले में शनिवार को कुड़मी समाज के सदस्यों द्वारा अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग को लेकर रेल रोको आंदोलन किया गया। इस प्रदर्शन के चलते राजधानी और वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम ट्रेनों समेत कई ट्रेनों को रद्द, शॉर्ट टर्मिनेट और डायवर्ट करना पड़ा, जिससे यात्री फंसे और कई रेलवे मार्गों पर अफरा-तफरी मच गई। प्रदर्शनकारियों ने रेल इंजनों पर चढ़कर और पटरी पर बैठकर नारे लगाए।
चंद्रपुरा और जगेश्वर विहार स्टेशन पर तनावपूर्ण माहौल
हालांकि आद्रा रेलवे डिवीजन के बोकारो स्टील सिटी स्टेशन पर सीधे आंदोलन का असर नहीं दिखा, लेकिन चंद्रपुरा और जगेश्वर विहार स्टेशनों पर स्थिति तनावपूर्ण रही। प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन संचालन रोक दिया। राजनीतिक नेताओं, जिनमें गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी (AJSU-P), डुमरी विधायक जयराम महतो (JLKM) और पूर्व विधायक लम्बोदर महतो (AJSU-P) शामिल थे, ने चंद्रपुरा स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों के साथ पटरी पर बैठकर आंदोलन का समर्थन किया।
यात्री रहे परेशान
रेलवे अधिकारी विकास कुमार (सीनियर DCM) ने कहा, “बोकारो रेलवे स्टेशन पर पूरे दिन ट्रेन संचालन प्रभावित रहा।” बताया जा रहा है कि बोकारो-हावड़ा एक्सप्रेस और चेरापल्ली-दरभंगा एक्सप्रेस को तेलगाड़िया लाइन के जरिए डायवर्ट किया गया, जबकि चेरापल्ली-दरभंगा एक्सप्रेस राजाबेड़ा रेलवे हॉल्ट पर लगभग 12 घंटे फंसी रही। कई यात्रियों को पानी, भोजन की किल्लत और गंदे बाथरूम जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
ट्रेन रद्द और शॉर्ट टर्मिनेशन से यात्री परेशान
रांची से वाराणसी जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस बोकारो पर शॉर्ट टर्मिनेट हुई, जिससे यात्रियों को उतरना पड़ा। रांची-नई दिल्ली राजधनी एक्सप्रेस रद्द कर दी गई, जबकि पुरुषोत्तम एक्सप्रेस और कई अन्य ट्रेनों को डायवर्ट किया गया।
यात्रियों ने जताई नाराजगी
गाइनोकोलॉजिस्ट डॉ. अंजू परिरा, जो पटना के लिए जरूरी काम से जा रही थीं, बोकारो स्टेशन पर दो घंटे से अधिक इंतजार करने के बाद निराशा जताई। उन्होंने कहा, “मेरा पटना में महत्वपूर्ण काम हैं, लेकिन ट्रेनें रद्द और डायवर्ट होने से मेरी योजनाएं प्रभावित हुईं। ऐसे व्यवधान अनावश्यक कठिनाइयां पैदा करते हैं।”
इसी तरह छात्र रमेश कुमार ने वंदे भारत एक्सप्रेस के शॉर्ट टर्मिनेशन से नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रदर्शन सीधे छात्रों के भविष्य को प्रभावित कर रहा है। गृहिणी सीमा देवी ने कहा कि उनकी दिल्ली यात्रा, जिसमें उनकी बीमार मां से मिलने का कार्यक्रम था, रद्द हो गई।
राजनीतिक नेताओं ने किया आंदोलन का समर्थन
डुमरी विधायक जयराम महतो ने कहा कि कुर्मी समाज ने पिछले 75 वर्षों में अपनी गरिमा, परंपराएं और विरासत खो दी है और अब इसे वापस पाने का समय है। उन्होंने कहा, “पिछले संघर्षों की तरह यह भी न्याय की लड़ाई है। एक विधायक के रूप में मैं सभी का प्रतिनिधित्व करता हूं, लेकिन अपने समुदाय के बेटे के रूप में मैं हमेशा इस आंदोलन का समर्थन करूंगा।”
गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, जिन्होंने समर्थकों के साथ रेल इंजन पर चढ़कर नारा लगाते दिखे, ने राज्य सरकार पर केंद्र को प्रस्ताव नहीं भेजने का आरोप लगाया और चेताया कि यदि मुद्दा जल्द हल नहीं हुआ तो आंदोलन और अधिक तेज और आक्रामक होगा।

