Bokaro: बोकारो धनबाद के क्षेत्रीय भाषा में भोजपुरी और मगही को शामिल कर दिया गया है। इसके विरोध में सैकड़ों की संख्या में युवाओ ने गुरुवार को बिरसा चौक नया मोड़ में प्रदर्शन किया। आक्रोशित युवाओं ने धनबाद बोकारो के सभी 11 विधायकों चाहे वह विपक्ष के हो या पक्ष के सभी का पुतला दहन किया। सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
युवाओं ने आक्रोश जताते हुए यह भी कहा कि यह आबा बिरसा मुंडा, शहीद निर्मल महतो, विनोद बिहारी महतो की धरती है। यहां भाषा में अतिक्रमण नहीं होने देंगे। यह सरकार 1932 खतियान की बात करती थी और आज अपने भाषा संस्कृति को बेच रही है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
युवाओं ने विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार का विरोध विपक्षी दल करते हैं, लेकिन इस मामले में तो विपक्ष भी मौन है। इससे साफ जाहिर होता है कि पक्ष-विपक्ष दोनों ही बिल्ली और चूहा बन चुके हैं। दोनों ही सत्ता के लालच में झारखंड की संस्कृति, झारखंड की भाषा, झारखंड की भूमि को बेचने पर उतारू हो चुके हैं।
पुतला जलाने के बाद युवाओं ने यह भी घोषणा कि की दिनांक 2 जनवरी 2022 को यही बिरसा चौक में हजारों हजार की संख्या में युवा चारों तरफ से आकर के पैदल मार्च करते हुए जनसभा करेंगे। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगी जब तक भोजपुरी और मगही क्षेत्रीय भाषा से हटा नहीं दिया जाता। मौके पर धनबाद बोकारो के सैकड़ों छात्र नौजवान उपस्थित रहे।
गुलाम हुसैन, राकेश शर्मा, उमेश दिगार, रॉकी कुमार, इमाम शफी, सोहरा हसदा, सुभाष चंद्र महतो, विक्की लोहरा, जितेंद्र नारायण मुर्मू आदि लोग शामिल रहे।