Bokaro: इस्पात उत्पादन के प्रक्रिया के दौरान निकलने वाले ठोस अपशिष्ट (कचरा) का उपयोग करने में बोकारो स्टील प्लांट (BSL) का जवाब नहीं। पुरे सेल भर में निकलने वाले इंडस्ट्रियल कचरे को अगर कोई पूरी तरह से फिर से इस्तेमाल कर रहा है तो वो बीएसएल है। सेल को इससे काफी फायदा हो रहा है। महारत्ना सेल में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में बीएसएल सबसे पहले नंबर पर है।
सालाना करीब 700 करोड़ रूपये बीएसएल अकेले अपना कचरा यानि स्लैग, स्क्रैप और अन्य बाई-प्रोडक्ट्स बेच कर कमा रही है या उसको फिर से इस्तेमाल कर इनपुट कॉस्ट बचा रही है।
बीएसएल का वित्त वर्ष 2020-21 में ठोस अपशिष्ट (कचरा) उपयोग बढ़कर 100% हो गया है। जो सेल में सबसे अधिक है। बीएसएल को इसके लिए ग्रीनटेक फाउंडेशन द्वारा 2020 के दौरान “रीसाइक्लिंग और अपशिष्ट प्रबंधन” श्रेणी में ग्रीनटेक पर्यावरण उत्कृष्टता पुरस्कार का विजेता घोषित किया गया है। उक्त बातें बीएसएल के अधिकारियों ने मानव संसाधन विकास केंद्र में हुए “उद्योगों में पर्यावरण प्रबंधन: सर्कुलर इकॉनमी के विशेष संदर्भ के साथ” के दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान कहीं।
यही नहीं अधिकारियों ने यह भी कहा कि इसके अलावा बीएसएल ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान पार्टिकुलेट मैटर उत्सर्जन में 30.95% की कमी और विशिष्ट अपशिष्ट निर्वहन में 19.85% की कमी हासिल की है। पिछले कुछ वर्षों में बोकारो स्टील प्लांट ने पर्यावरण और संसाधन संरक्षण के लिए विभिन्न पहल की है, जिसमें वर्षा जल संचयन प्रणाली की स्थापना, सीआरएम -3 सहित विभिन्न शॉप्स में शून्य तरल निर्वहन का कार्यान्वयन, अपशिष्ट सामग्री का 100% उपयोग, आरएमपी में ईएसपी तथा बीएफ में स्लैग ग्रेनुलेशन प्लांट की कमीशनिंग शामिल है।
सेल-बीएसएल को ईएलईटीएस टेक्नो मीडिया और जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन विभाग, भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से “अग्रणी कॉर्पोरेट (पीएसयू)” श्रेणी के तहत प्रतिष्ठित ईएलईटीएस राष्ट्रीय जल नवाचार पुरस्कार -2020 भी प्रदान किया गया है। दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन संयुक्त रूप से पर्यावरण और मानव संसाधन विभाग द्वारा रीसाइक्लिंग और पर्यावरण उद्योग संघ (आरईआईएआई) के सहयोग से आरम्भ किया गया। कार्यशाला का उदघाटन कार्यकारी निदेशक प्रभारी वी के पाण्डेय द्वारा किया गया। कार्यक्रम के आरम्भ में महाप्रबंधक (ईसीडी) एन पी श्रीवास्तव ने सभी का स्वागत किया।
इस दौरान कार्यकारी अधिशासी निदेशक(संकार्य) संजय कुमार, मुख्य महाप्रबंधक (अनुरक्षण) एस मुखोपाध्याय, मुख्य महाप्रबंधक (मा.स.वि.) मनीष जलोटा व अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे। कार्यशाला में विभिन्न विभागों के नोडल पर्यावरण अधिकारियों सहित सेल इकाइयां आरडीसीआईएस, सीईटी और पर्यावरण प्रबंधन प्रभाग के प्रतिनिधियों सहित कुल तीस प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और आरईआईएआई के विद्वान संकाय श्री आर पी शर्मा के साथ आरईआईएआई के महानिदेशक आर के बंसल इस कार्यशाला के लिए विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित किया गया है।