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बाबा चौहरमल सामंती दमन के विरुद्ध विद्रोह के प्रतीक थे


Bokaro: महाबली बाबा चौहरमल की जयंती के अवसर पर सेल एससी – एसटी इम्प्लाईज फेडरेशन, बोकारो यूनिट के अध्यक्ष शम्भु कुमार के नेतृत्व में सेक्टर – 4 स्थित अंबेडकर प्रतिमा स्थल पर उनकी याद में कार्यक्रम आयोजित किया। बाबा चौहरमल के माल्यार्पण के उपरांत फेडरेशन के उपस्थित पदाधिकारियों ने उनके जीवन के संघर्ष पर प्रकाश डाला।

शम्भु कुमार ने कहा कि चौहरमल साम्प्रदायिक सौहार्द के साथ साथ सामंती दमन के विरुद्ध विद्रोह के प्रतीक थे। उन्होंने चाराडीह में सामन्तो द्वारा की गई आर्थिक नाकाबन्दी का संगठन बना कर कड़ा मुकाबला किया और लोगों को संकट से बचाया। वे चाराडीह में सामुहिक खेती-किसानी शुरू कर उस इलाके के लोगों की आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति करते थे।

गियासुद्दीन मुहम्मद बिन तुगलक ने चौहरमल को सौ बिगहा खेती योग्य भूमि का भूमि-पट्टा दिया था जिस पर सामन्तो की नज़र गड़ी थी। चौहरमल ने सामन्तो के अत्याचार से लोहा लेने हेतु चाराडीह को युद्ध कला ज्ञान हासिल करने का प्रशिक्षण केंद्र बनाया था जिसमे वे अस्त्र संचालन का प्रशिक्षण देते थे।

इस अवसर पर मुख्य रूप से सुनील किस्कू महासचिव, महेंद्र राम, अशोक कुमार, फुलचंद मांझी, राकेश कुमार, दिलीप कुमार, शिव बहादूर राम, जितेंद्र कुमार, प्रवीण किस्कु, अशोक रजक, करतार सामंत, पंकज कुमार दास, सिद्दर्थ सुमन, कोको मांझी, माणिकराम मुंडा, संजय कुमार, जितेंद्र कुमार, राजेश कुमार, देवेश टूडू, संजय अंबेडकर, हरिश्चंद्र किस्कू, सोनू कुमार दास, देव हेम्ब्रम, सीरेमचंद मुर्मू, देव हेम्बरम, राजेश कुमार आदि मौजूद रहे।


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