Bokaro: बैंक ऑफ इंडिया इम्पलाइज यूनियन, झारखण्ड स्टेट के बोकारो अंचल के सदस्यों का एक दिवसीय बैठक संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष साथी उदय कुमार सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में बैंक ऑफ इंडिया के बोकारो अंचल के बोकारो एवं गिरिडीह जिला के सूदूरवर्ती सभी शाखाओं के कर्मचारियों की जिसमें महिला सदस्यों की भी भारी संख्या में भागीदारी रही।
बैठक में मुख्य रूप से उपस्थित फेडरेशन ऑफ बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन्स के अखिल भारतीय महासचिव तथा बैंक ऑफ इंडिया इम्पलाइज यूनियन झारखण्ड स्टेट के भी महासचिव साथी दिनेश झा ‘ललन’ ने उपस्थित सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज फिर से ऐसी स्थिति उत्पन्न की जा रही है, जहाँ हमें अपने अस्तित्व को बचाने के साथ-साथ बैंक को भी बचाने के लिए तथा इसे जनोन्मुख बनाये रखने के लिए संघर्ष हेतु खड़ा होना पड़ेगा।
उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए मानसिक रूप से पूर्णरूपेण संगठित होकर संगठन के नेतृत्व में हमें सतत संघर्ष करना होगा, कारण संगठन का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि संघर्ष के लिए सबसे आवश्यक है कि हम अपने ज्ञान में वृद्धि करें जब तक जानकारी नहीं होगी, तब तक अपने हितों की रक्षा सम्भव नहीं है। आगे उन्होंने कहा कि भारत सरकार की वर्तमान आर्थिक नीतियाँ जहां एक ओर समाज में विषमता को बढ़ाने का कारण बन रही है वहीं स्थायी रोजगार के सारे अवसर को खत्म कर रही है।
बैंकों में अप्रेंटिंशिप व्यवस्था को फिर से बहाल करने की कोशिश की जा रही है जिसमें बहुत कम पैसे में मात्र एक वर्ष के लिए रोजगार उपलब्ध हो पाएगा। इतना ही नहीं डिजीटल शाखाएं खोलने की भी योजना है जिसके तहत कर्मचारियों की आवश्यकता नगण्य हो जाएगी। साथ ही बैंको से उपलब्ध कराएं जाने वाले कर्ज भी फिन्टेक कम्पनियों के माध्यम से कराने की कोशिश की जा रही है मतलब कर्ज बाँटना भी आउटसोर्स किये जाने का प्रयास है। इसमें भी आश्चर्य का विषय यह है कि ये फिन्टेक कम्पनिया सिर्फ कर्ज बांटेगी लेकिन की वसूली की जिम्मेवारी बैंक की स्वयं की होगी।
भारी व्यवस्थायें बैंकों को पूर्णतया बैंकों को पुनः शुरूआती दौर की स्थिति में ले जाने की हो रही है जिससे कि आम जनों का बैंकों में पहुंच फिर से बंद हो जाएगा और बैंक पूर्णतया नीजि हाथों में सौंप दिया जाएगा। सरकारी बैंकों के नीजिकरण हेतु सरकार द्वारा संसद में बिल भी प्रस्तावित है। ऐसी स्थिति में हम पढ़े लिखे श्रमिक है अत हमें इन सब आमजन विरोधी एवं श्रमिक विरोधी कार्यों का पूरजोर विरोध करना होगा तभी हम देश की आर्थिक स्थिति को भी ठीक रखने में सहयोग दे सकेंगे तथा अपनी जीविका भी बचा सकेंगे।
कार्यक्रम का शुभारंम्भ दीप प्रज्जवलन तत्पश्चात सरिता कुमारी, देवजानी घोष, सुरूची एवं सीमा कुमारी द्वारा “इतनी शक्ति हमें दे ना दाता” गीत के गायन से हुआ। बैठक को संबोधित करने वाले प्रमुख पदाधिकारियों में साथी एस के अदक, साथी उमेश कुमार दास, साथी एस एन दास, साथी तारक बनर्जी, साथी साकंत शर्मा, साथी आर एन साहू आदि ने भी सदस्यों को आह्वान किया कि अपने एवं समाज के हितों के रक्षार्थ संघर्ष ही एकमात्र विकल्प है।
इसके उपरांत बोकारो अंचल के सदस्यों के बीच से प्रांतीय कार्यकारिणी हेतु दस सदस्यों का मनोनयन किया गया जिसमें अरविन्द कुमार सिंह, राकेश मिश्रा, इन्द्रजीत चौधरी, प्रियंका कुमारी, सबिता हेम्ब्रम, अभिषेक कुमार सिन्हा, दीपक लाल, दीपक कुमार, चाँदनी केडिया, शहबाज आलम शामील है। साथ ही शुभम दोस्त को स्थायी आमंत्रित सदस्य के रूप में मनोनयन किया गया।
बैठक का संचालन एसपी सिंह ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन नरेन्द्र कुमार दास ने किया। बैठक को सफल करने वालों में प्रमुख रूप से प्रदीप झा, राकेश मिश्रा, इन्द्रजीत चौधरी, अजय कुमार, मनोज कुमार, विजय बांसफोड, राजेश दास, कृष्णा कुमार, रंजीत कुमार, राजहस, सदीप रवानी, रवीनव कुमार, शशि भूषण मिश्रा, विनय कुमार, श्रीमती सरिता कुमारी, सुरूची कुमारी, सीमा के अलावे अन्य साथियों ने भी अपना योगदान दिया।