Bokaro : बोकारो एयरपोर्ट के खुलने को लेकर यहां के निवासियों में हर समय उत्सुकता रहती है। खासतौर पर फ्लाइट कब शुरू होगी यह जानने को लेकर लोग काफी आतुर है। दो साल से बन रहे एयरपोर्ट का करीब 80 प्रतिशत काम पूरा हो चूका है, बाक़ी जो 20 प्रतिशत बचा है उसमे प्रशाशन, बीएसएल और यहाँ के नेताओ का सहयोग रहा तो अगले चार से पॉँच महीनो में पूरा हो जायेगा। पर अगर सभो का सहयोग रहा तो।
फिलहाल स्थिति यह है की एयरपोर्ट ऑथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (AAI ) जो एयरपोर्ट के विस्तार का काम करीब 46 करोड़ के लागत से करवा रही है, उसके अधिकारी काफी परेशान है। कारण भी बड़ा अजीबोगरीब है। आस-पास के सैकड़ो लोगो का एयरपोर्ट बाउंड्री के अंदर आकर मल-मूत्र त्यागना और गाये-भैस के घास चरने और रनवे में गोबर करने के लिए छोड़ देना। वहीं 6000 पेड़ो में से जो 4000 पेड़ काटे गए थे, वहाँ फिर 3 -4 फ़ीट के पौधे उग आये है। जगह-जगह बॉउंड्री तोड़ी हुई है, जिससे लोग और पशु एयरपोर्ट के अंदर आराम से दाखिल हो रहे है।


AAI के सीनियर मैनेजर प्रियंका शर्मा बताती है की बाउंड्रीवाल कंस्ट्रक्शन का काम करना दुर्भर हो गया है। सुबह-शाम सैकड़ो आदमी, महिलाये और बच्चे बाउंड्री के रास्ते से अंदर आकर मल-मूत्र करते है। उस गन्दगी से बहुत बदबू आती है। यही नहीं पशुओं को भी उसी टूटे हुए रास्ते से अंदर घास चरने छोड़ दिया जाता है। स्तिथि यह है की गाये-भैस अंदर आकर रनवे पर गोबर कर दे रही है। जो बेहद चिंता का कारण है। रनवे पर गोबर पड़े रहने से उसके ऊपर का सरफेस ख़राब हो सकता है।
रनवे नया है, अगर गोबर से ख़राब हो गया तो DGCA से लाइसेंस मिलना मुश्किल हो जायेगा। AAI को मजबूरी में 1671 मीटर लम्बी रनवे को सलामत रखने के लिए दो स्पेशल सुपरवाइजर रखना पड़ा है। उनका काम केवल रनवे की देखभाल करना है और गाये-भैस को उसमे आने से रोकना है। हलाकि प्रियंका शर्मा ने बताया की सबका सहयोग रहा तो बॉउंड्रीवॉल का काम, पेड़ की कटाई-छटाई, फायर स्टेशन आदि बचे हुए छोटे-मोठे काम कुछ महीनो में ख़त्म हो जायेंगे। उसके बाद वह लोग DGCA से उड़ान सम्बन्धी लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया में जा सकते है।

सूत्रों के अनुसार AAI ने कई बार उक्त परेशानियों से सम्बंधित बीएसएल प्रबंधन और प्रशाशन से बात की है पर कोई गंभीरता से लेता ही नहीं। बोकारो के नेतागण भी एयरपोर्ट के एक्सपेंशन कार्य के प्रति संजीदा नहीं दिखते। इसलिए फ्लाइट ऑपरेशन शुरू होने में देरी हो रही है। अगर सब लोग एक साथ मिलकर समस्याओ को सुलझाने का प्रयास करे तो 2021 में बोकारो एयरपोर्ट से फ्लाइट ऑपरेशन शुरू हो सकता है। नहीं तो कुछ भी कहना मुश्किल है।
AAI के अधिकारियो की माने तो शायद यह पहला ऐसा एयरपोर्ट का काम हो रहा है जिसमे इतनी देर लग रही है। और उन्हें गाये-भैस हकवाने के लिए आदमी रखने पड़ रहे है।

हालांकि AAI ने शुक्रवार को आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा है की – उड़ानों का परिचालन शुरू करने के लिए एएआई 46 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से इस हवाई अड्डे को विकसित कर रहा है। इसके तहत टर्मिनल बिल्डिंग, कार पार्किंग, एटीसी (वायु यातायात नियंत्रण) टावर, सुरक्षा घेरा, दमकल केंद्र की व्यवस्था की जाएगी। क्षेत्रीय संपर्क योजना ‘उड़ान’ के जरिए इसे पटना तथा कोलकाता से जोड़ा जाएगा। वर्तमान में झारखंड के बोकारो हवाई अड्डे का नियंत्रण और प्रबंधन स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) के पास है और यहां से सेल के विमानों या अति विशिष्ट लोगों के विमानों का परिचालन होता है।

