स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के इकाई बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) का विकास तेजी से होना तय हो गया है. आने वाले चंद सालों में बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) सेल का सबसे अधिक स्टील उत्पादन करने वाला स्टील प्लांट हो जाएगा. बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) को लेकर सोमवार को इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बड़ी बात कही है.
सेल और बोकारो स्टील प्लांट की क्षमता क्रमश: 33 एमटी और 8.6 एमटी तक बढ़ेगी-
सिंधिया ने कहा, “सेल (SAIL) की मौजूदा क्षमता 19.6 मिलियन टन है और हम 2030 तक सेल की क्षमता को बढ़ाकर 33 मिलियन टन करने जा रहे हैं. बोकारो स्टील प्लांट (BSL) की क्षमता 4.6 मिलियन टन है, जो बढ़कर 8.6 मिलियन टन हो जाएगी।”

इस्पात मंत्री ने सोमवार को कहा कि सेल (SAIL) 2030 तक भारत की इस्पात उत्पादन क्षमता को दोगुना करने में मदद करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत 2030 तक अपने इस्पात उत्पादन को दोगुना करके 300 मिलियन टन प्रति वर्ष करने का इरादा रखता है।
पूरक सवालों का जवाब देते हुए सिंधिया ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि भारत मैं इस्पात उत्पादन की बढ़ती क्षमता जारी रहे क्योंकि हमारे पास भारी मात्रा में बुनियादी ढांचा परियोजनाएं हैं। “इसलिए, यह हमारा लक्ष्य है, कि 2030 तक हम अपने इस्पात उत्पादन को 150 से 300 मिलियन टन तक दोगुना करें,”। सिंधिया ने कहा कि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) भी इसका हिस्सा होगी।
हम आज 120 एमटीपीए स्टील का उत्पादन कर रहे हैं-
मंत्री ने बताया कि देश में इस्पात उत्पादन ऐतिहासिक स्तर पर बढ़ा है। 2013-14 में, हमारे पास स्टील का लगभग 60 मिलियन टन प्रति वर्ष उत्पादन था, आज हम 120 मिलियन टन हैं”। उन्होंने कहा, “क्षमता के लिहाज से हमारे पास केवल 75 मिलियन टन था, आज हम 154 मिलियन टन हैं।”
उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान राज्यसभा को बताया, “देश में पिछले आठ वर्षों में इस्पात उत्पादन दोगुना हो गया है, जो ऐतिहासिक रहा है, और यही कारण है कि हम आज दुनिया में दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक बन गए हैं।”
Source: ttps://psuwatch.com/capacity-of-sail-to-grow-from-19-6-mt-to-33-mt-by-2030-steel-minister/
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