Bokaro: बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) का सिंटर प्लांट बुधवार को चर्चे में रहा। प्लांट में केबल चोरी करने आये चोरो के गैंग की सुचना से सिंटर प्लांट में कुछ घंटो तक खलबली रही। सीआईएसएफ ने पुरे सिंटर प्लांट की घेराबंदी (cordon off) कर करीब 4 घंटे सर्च ऑपरेशन चलाया, डॉग स्क्वाड को लगाया, पर कुछ हाथ नहीं लगा। उक्त मामले में बुधवार को पुलिस को सुचना नहीं दी गई है।
सीआईएसएफ ने इन्क्वायरी की तो कर्मी ब्यान बदलते दिखें। पूछताछ में कई कर्मियों, ठेका कर्मियों ने सीआईएसएफ अधिकारियो को कहा की वह चोरो का हल्ला सुने थे, देखे नहीं है। हालांकि जाँच के दौरान कुछ भी निकल कर सामने नहीं आया। हां इस घटना ने कई सवाल जरूर खड़े कर दिए ? लोगो को यह सोचने पर मजबूर कर दिया की घटना हुई भी थी की नहीं या किसी ने सिर्फ हल्ला उड़ाया था ? या इसके पीछे कुछ और मनसा थी ?
बताया गया कि सीआईएसएफ द्वारा जाँच में स्टॉक लेजर (Ledger file) से मिलान करने पर भी कुछ मिसिंग नहीं पाया गया। जिस जगह केबल चोरी का हल्ला हुआ वह सिंटर प्लांट के टॉप फ्लोर पर था। उस स्थान का पता उसी को होगा जो वहां काम करता होगा। कोई बाहरी जान भी नहीं पायेगा की प्लांट में कोई ऐसी भी जगह है। यहां तक की सीआईएसएफ को भी उस स्थान का पता नहीं था। जाँच के लिए गई सीआईएसएफ टीम छट्टे फ्लोर तक लिफ्ट से गई, उसके ऊपर दो फ्लोर सीढ़ी से चढ़ कर पहुंची। घटनास्थल में कुछ भी ऐसा संदेहास्पद नहीं दिखा।
बताया जा रहा है कि सीआईएसएफ उस स्थान पर काम करने वाले ठेका मजदूरों से पूछताछ करेगी। इस मामले में और गहराई में जाने की कोशिश करेगी। डीआईजी, सीआईएसएफ सौगात राय उक्त घटना को लेकर काफी सख्त है। बीएसएल प्रबंधन में भी इस घटना को लेकर विचार विमर्श चलता रहा।