Bokaro: बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) इन दिनों चूने (Lime) के कमी के संकट से जूझ रहा है। इससे स्टील प्रोडक्शन पर असर पड़ रहा है। सेल-बीएसएल का प्लांट प्रबंधन इस संकट से उभरने की कोशिश में लगा हुआ है। दूसरी तिमाही तक बीएसएल के विभाग जो रिकॉर्ड उत्पादन कर रहे थे अक्टूबर में चूने की आपूर्ति झेल रहे है।
अगर जल्द ही चूने की आपूर्ति बहाल नहीं हुई तो बीएसएल में स्टील का उत्पादन खासा प्रभावित हो सकता है। सेल प्रबंधन भी चूने की आपूर्ति पूर्णतः बहाल करने में जुटा हुआ है।
बीएसएल के इन विभागों के उत्पादन पर असर
बताया जा रहा है कि स्टील उत्पादन के लिए जैसे लौह अयस्क और कोयला जरुरी है, वैसे ही चूना भी उपयोगी हैं। इस्पात उत्पादन में चूने का इस्तेमाल स्टील में मौजूद अशुद्धियों को हटाने के लिए किया जाता है। चुना स्टील की गुणवत्ता में सुधार करता है। भट्टियों के रिफ्रेक्टरी लाइफ को बढ़ाता है।
बीएसएल (BSL) में चूने के कमी से स्टील मेल्टिंग शॉप, सिंटर प्लांट और ब्लास्ट फर्नेस का उत्पादन प्रभावित हो रहा है।
BSL में यहां से आता है चुना
बताया जा रहा है बीएसएल में चूने की आपूर्ति एजेंसी द्वारा राजस्थान (जैसलमेर) और अन्य जगहों से की जाती है। बीएसएल में चुना आने के बाद रॉ मटेरियल हैंडलिंग प्लांट उसे रिफ्रैक्टरी मटेरियल प्लांट एव सिंटर प्लांट को भेजता है।
रिफ्रैक्टरी मटेरियल प्लांट में लाइम कैल्सिनेशन होता है, जहां से उसे एसएमएस भेजा जाता है। एजेंसी द्वारा कुछ दिनों पहले से चूने की आपूर्ति बंद है। कंपनी जो वैकल्पिक व्यवस्था के जरिये चुना मंगा रही है उसकी क्वालिटी उतनी अच्छी नहीं है।
इस कारण आरएमपी में उत्पादन भी प्रभावित है। चूने की आपूर्ति जरुरत के हिसाब से नहीं हो पा रही है। शनिवार तक आरएमपी में छह भट्टियों में से सिर्फ तीन भट्टी में उत्पादन हो रहा था। चूने के बढ़ते संकट को देखते हुए आज चौथी भट्टी से उत्पादन शुरू किया गया है। संभवतः कल तक पांचवी भट्टी को भी उत्पादन में लाया जा सकता है।