Bokaro: भारत की जेएसडब्ल्यू स्टील (JSW), आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील लिमिटेड (AMNS) और निजी इक्विटी निवेशकों का एक समूह देश में वेदांता समूह द्वारा नियंत्रित लौह अयस्क और इस्पात निर्माण संपत्तियों को खरीदने के लिए कतार में हैं।
वेदांता समूह (Vedanta Group), ईएसएल स्टील लिमिटेड (ESL) के साथ कर्नाटक और गोवा में लौह अयस्क संपत्तियों को नियंत्रित करता है, जो पूर्वी राज्य झारखंड के बोकारो में 2.5 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता वाली एकीकृत स्टील मिल संचालित करती है।
वेदांता समूह ने पहले ही अपनी इस्पात और संबद्ध परिसंपत्तियों (allied assets) से बाहर निकलने और इन परिसंपत्तियों को नियंत्रित करने वाली मौजूदा संस्थाओं के विघटन के माध्यम से अलौह धातुओं (non-ferrous metals), बिजली, एल्यूमीनियम और गैस व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित करने की घोषणा की है।
बता दें, वेदांत समूह ने दिवालियापन समाधान प्रक्रिया के माध्यम से 2018 में ईएसएल स्टील लिमिटेड का अधिग्रहण किया था।
हालांकि न तो जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड और न ही एएमएनएस ने आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी की है, उद्योग जगत के सूत्रों ने कहा कि कर्नाटक में वेदांता की लौह अयस्क संपत्तियां, गोवा और कर्नाटक राज्य में जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड के स्टील मिल संचालन के साथ तालमेल बिठाएंगी।
साथ ही, अपनी कैप्टिव लौह अयस्क खदानों के साथ ईएसएल स्टील लिमिटेड के संभावित अधिग्रहण से एएमएनएस को पूर्वी भारत में अपनी उपस्तिथि दर्ज़ करने में मदद मिलेगी। एएमएनएस का वर्तमान परिचालन पश्चिमी राज्य गोवा के हजीरा तक ही सीमित है।