नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने गंगा और उसकी सहायक नदियों में प्रदूषण को कम करने के मामले में झारखंड से विशेष जानकारी मांगी थी। निर्देश के बावजूद गंगा में प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण के संबंध में अधूरी रिपोर्ट सौंपने के लिए एनजीटी ने झारखंड के बोकारो सहित चार जिला अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है।
अभिकरण ने लापरवाह जिलाधिकारियों पर 10,000 रुपये का जुर्मानालगाया है। वहीं, दूसरी ओर एनजीटी ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में रिक्तियों पर भी सभी बोर्ड के सदस्य सचिवों से जवाब मांगा है।
एनजीटी चेयरमैन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने 10 अप्रैल को पारित एक आदेश में कहा कि साहिबगंज, दुमका, रांची, राजमहल, गिरिडीह, धनबाद, बोकारो और रामगढ़ जिलों से अनुपालन रिपोर्ट प्राप्त हुई थी। उन्होंने कहा कि साहिबगंज, धनबाद, बोकारो और रामगढ़ की रिपोर्टों में न्यायाधिकरण द्वारा आवश्यक और निर्देशित जानकारी नहीं थी।
पीठ ने कहा, इन चार जिला मजिस्ट्रेटों ने ट्रिब्यूनल के पहले के आदेश का स्पष्ट रूप से अनुपालन नहीं किया है। उन्होंने अपनी अधूरी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। हम इन जिला मजिस्ट्रेटों को प्रत्येक को 10,000 रुपये का जुर्माना जमा करने के लिए चार सप्ताह का समय देते हैं। फिलहाल पीठ ने मामले को आगे की कार्यवाही के लिए 19 जुलाई तक के लिए पोस्ट कर दिया है।