Bokaro: बोकारो स्टील प्लांट (BSL) प्रबंधन ने अपने संपदा न्यायालय और विधि विभाग के अधिकारियों के तबादले-पदस्थापन से संबंधित आदेश जारी किया है। वैसे तो यह बीएसएल अधिकारियों का सामान्य तबादला है, लेकिन चूंकि यह संपदा न्यायालय के अधिकारियों से संबंधित तबादला है, इसलिए प्लांट के बाहर के लोगो के बीच भी इसकी चर्चा हो रही हैं। अनिल प्रकाश लकड़ा को अतिरिक्त प्रभार
बताया जा रहा है कि नगर प्रशासन विभाग के राजस्व शाखा के महाप्रबंधक (जीएम) अनिल प्रकाश लकड़ा को संपदा अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। संपदा न्यायालय बीएसएल का अर्ध न्यायिक निकाय (Quasi-Judicial body) है, जो इसकी जमीन पर अतिक्रमण, मकानों पर अवैध कब्जे आदि के मामलों की सुनवाई करता है। इससे पहले संपदा अधिकारी रहे सुदेश वर्मा 31 मई को सेवानिवृत्त हो गए थे। उसके बाद से यह पद खाली था।
कानून की पृष्ठभूमि…
बताया जा रहा है कि पूर्व संपदा अधिकारी एस वर्मा और अब अनिल प्रकाश लकड़ा के पास कानून की पृष्ठभूमि या शिक्षा नहीं है। उनसे पहले उस पद पर आसीन हुए सभी अधिकारी कानून की पृष्ठभूमि से थे। इस पद की गरिमा बहुत अधिक है, क्योंकि संपदा न्यायालय में न केवल मामला दर्ज होता है, बल्कि उसकी सुनवाई भी होती है और संपदा अधिकारी उस पर फैसला भी सुनाते हैं।
वैसे तो सेल में यह पद विधि पृष्ठभूमि वाले अधिकारी के लिए आरक्षित नहीं है, लेकिन चूंकि यह अर्ध न्यायिक निकाय (Quasi-Judicial body) है, इसलिए विधि की जानकारी रखने वाले अधिकारियों के लिए मामले का निपटारा करना सुविधाजनक है। बताया जा रहा है कि अनिल प्रकाश लकड़ा अगले वर्ष सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
सूत्रों के अनुसार, बीएसएल के एस्टेट कोर्ट में कोर्ट अटेंडेंट समेत चार स्टाफ है। इनमे कोई भी लीगल असिस्टेंट नहीं है, किसी का भी लॉ बैकग्राउंड नही है। फाइल का रिकॉर्ड कीपिंग, आर्डर शीट लिखना, एलसीआर भेजना, इंडेक्सिंग जैसे महत्वपूर्ण काम आदि इन्हे के जिम्मे है।
P K Sinha का भी हुआ ट्रांसफर
वहीं, कई वर्षों से अतिक्रमण से संबंधित मामलों को तत्परता से देख रहे संपदा न्यायालय के एजीएम प्रभात कुमार सिन्हा (P K Sinha) का तबादला विधि विभाग में कर दिया गया है। उनकी जगह विधि विभाग से मनोज कुमार सिन्हा को भेजा गया है।
कितनी कारगर साबित होंगे नए अधिकारी
ऐसे समय में जब शहर में अतिक्रमण, बिजली-पानी चोरी और मकानों पर अवैध कब्जा जैसे मुद्दे ज्वलंत हैं। ड्रोन सर्वे और मैपिंग जैसे कार्य किए जा रहे हैं। संपदा न्यायालय की यह नई टीम इनसे संबंधित लंबित मामलों और नए दर्ज होने वाले मामलों का निपटारा करने में कितनी कारगर साबित होगी, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन बीएसएल संपदा न्यायालय के अधिकारियों का यह तबादला-पोस्टिंग लोगों को यह चर्चा करने पर जरूर मजबूर कर रहा है कि अतिक्रमण से संबंधित मामलों के निपटारे में प्रबंधन उतना गंभीर नहीं है।
नहीं चला अभियान…
बीएसएल द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए मांगे गए पुलिस बल और मजिस्ट्रेट को शनिवार को जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए जाने के बावजूद इस बार अतिक्रमण हटाओ अभियान नहीं चलाया गया। इसका कारण संपदा अधिकारी का पद अभी भी रिक्त होना बताया जा रहा है। इनके अलावा एचआर सीएलसीसी में प्रबंधक के पद पर कार्यरत नीरज कुमार त्रिपाठी को सीएसआर विभाग में स्थानांतरित किया गया है।