Bokaro: बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) के शवगृह में पिछले चार दिनों से बीएसएल कर्मचारी का शव पड़ा हुआ है। 55 वर्षीय बीएसएल (BSL) कर्मचारी सीता राम पासवान की बीजीएच के क्रिटिकल केयर यूनिट में 24 घंटे तक इलाज के बाद मौत हो गई। परिजन शव नहीं उठा रहे हैं और नौकरी व मुआवजे की मांग पर अड़े हुए हैं। उनकी मदद के लिए एससी एसटी ओबीसी एम्प्लॉई कोआर्डिनेशन कॉउंसिल भी आगे आया है। Video नीचे-
गुरुवार को परिवार समेत फेडरेशन के सैकड़ों लोगों ने नौकरी की मांग को लेकर बीजीएच के निदेशक चिकित्सा सेवा के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। नारेबाजी की। चार दिनों से शव अस्पताल में पड़ा रहने के बावजूद बीएसएल (BSL) प्रबंधन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं ले सका है। मृतक के परिजनों की मदद के लिए धनबाद सांसद ढुलू महतो भी बीजीएच पहुंचे। उन्होंने बीएसएल के इस रवैये की कड़ी आलोचना की। सांसद ने इस मामले में आला अधिकारियों से बात की और नौकरी की मांग की।
मृतक के पुत्र आशीष कुमार ने बताया कि उसके पिता बीएसएल के एडीएम बिल्डिंग में केयरटेकर के पद पर कार्यरत थे। 17 जून को उसके पिता एडीएम बिल्डिंग में “बी” शिफ्ट में काम कर रहे थे। ड्यूटी के दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई। उनके सहकर्मियों ने पहले उन्हें ओआरएस का घोल दिया और जब कोई सुधार नहीं हुआ तो रात करीब साढ़े नौ बजे परिजनों को फोन कर सूचना दी। जिसके बाद परिजन एडीएम गेट पर पहुंचे। लेकिन मृतक के बेटे के नाबालिग होने के कारण उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया, बल्कि उनके साथ आए पड़ोसी अंदर गए।
अंदर जाकर पड़ोसियों ने देखा कि मृतक सीता राम पासवान की हालत काफी खराब थी। जिसके बाद वे उसे तुरंत बोकारो जनरल अस्पताल ले गए। जहां इलाज के दौरान 18 जून को सीसीयू में हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई। परिजन कार्यस्थल पर तबीयत बिगड़ने से हुई मौत को लेकर बीएसएल प्रबंधन से नियोजन की मांग कर रहे हैं। इस बीच बीएसएल ने जांच कमेटी गठित कर मामले से संबंधित रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। जिसके बाद कोई निर्णय लिया जा सकेगा।
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