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हीमोफीलिया के इलाज में नई उम्मीद: बोकारो में विशेष कार्यशाला आयोजित


Bokaro: जिला अंतर्गत हीमोफीलिया के नये दवा के माध्यम से हीमोफीलिया के मरीजों के इलाइज की नई तकनीक से अवगत कराने हेतु सीएमई (निरंतर चिकित्सा शिक्षा) पर कार्यशाला का आयोजन बोकारो सदर अस्पताल के सभागार में उप विकास आयुक्त श्री गिरिजा शंकर प्रसाद की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।

कार्यशाला की शुरुआत मुख्य अतिथि के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। मौके पर सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद, उपाधीक्षक सदर अस्पताल डॉ अरविंद कुमार, रिम्स रांची के प्रोफेसर डॉक्टर मिनी रानी अखोरी, सहायक प्राध्यापक डॉ साकेत वर्मा एवं संतोष जायसवाल, जिला के आईएएम/आईएपी के चिकित्सकगण, जिला स्तरीय चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य कर्मी, सहित अन्य डॉक्टर उपस्थित थे।

कार्याशाला में हीमोफीलिया के लिए नये उपचारों में जीन थेरेपी शामिल है, जो एक बार का उपचार है जो कई वर्षों तक कारक स्तर को बढ़ा सकता है और क्लॉटिंग कारक सांद्रता (सीएफसी) प्रतिस्थापन चिकित्सा की आवश्यकता को कम या समाप्त किया जा सकता है।

■ चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मी का मनोबल ऊँचा रखे-

उप विकास आयुक्त श्री गिरिजा शंकर प्रसाद ने कहा कि दिल से रोगी की सेवा के लिए चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मी का मनोबल ऊँचा रखे एवं चिकित्सक को रोगी के कल्याण को ध्यान में कार्य करने का निर्देश दिया।

सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद ने बताया कि हीमोफीलिया रोगी का इलाइज सम्भव नहीं है। परन्तु इसकी बीमारी को दवा से नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने आगे बताया कि हीमोफीलिया के रोगियों का रक्त का थक्का नहीं जमने के कारण रक्त का बहाव नियंत्रित नहीं रहता है। साथ ही बताया कि बोकारो जिले में वर्त्तमान समय मे कुल 23 हीमोफीलिया के रोगी है, जिसका इलाइज चल रहा है।

कार्यशाला के दौरान रिम्स रांची से आये हीमोफीलिया के विशेषज्ञयो ने भी अपनी-अपनी बातों को विस्तार से बताया।


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