दीपक सवाल |कसमार
Bokaro: गोमिया विधानसभा क्षेत्र में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के उम्मीदवार योगेंद्र प्रसाद ने एक बार फिर इतिहास रचते हुए बड़ी जीत दर्ज की है। उन्होंने इस चुनाव में 95,170 वोट हासिल कर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी पर लगभग 36,093 वोटों की बढ़त बनाई। यह उनकी दूसरी ऐतिहासिक जीत है, इससे पहले 2014 में उन्होंने 97,799 वोट हासिल किए थे। गोमिया के इतिहास में किसी भी उम्मीदवार ने इतने बड़े मतों से जीत दर्ज नहीं की थी।
राजनीतिक सफर की शुरुआत आजसू से
योगेंद्र प्रसाद ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत आजसू पार्टी से की थी। करीब एक दशक तक उन्होंने गोमिया में आजसू का विस्तार किया और पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाया। 2009 के विधानसभा चुनाव में आजसू ने उन्हें प्रत्याशी बनाया, लेकिन वह उस समय केवल 23,237 वोट ही हासिल कर पाए। हालांकि, इस हार के बावजूद उन्होंने राजनीतिक सक्रियता बनाए रखी और 2014 के चुनाव की तैयारी में जुट गए।
भाजपा-आजसू गठबंधन के बाद बदल गया समीकरण
2014 के चुनाव में भाजपा-आजसू गठबंधन के तहत गोमिया सीट भाजपा के खाते में चली गई। इससे नाखुश होकर योगेंद्र प्रसाद ने आजसू छोड़ झामुमो का दामन थाम लिया। झामुमो ने उन्हें गोमिया से अपना प्रत्याशी बनाया, जहां उन्होंने भाजपा के माधवलाल सिंह को हराकर 97,799 वोटों के साथ ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
2018 में उपचुनाव और नई चुनौतियां
2014 की जीत के बाद, कानूनी मामलों के चलते योगेंद्र प्रसाद की सदस्यता रद्द हो गई, जिससे 2018 में गोमिया में उपचुनाव हुआ। इस उपचुनाव में आजसू ने डॉ. लंबोदर महतो को उम्मीदवार बनाया, लेकिन झामुमो प्रत्याशी और योगेंद्र प्रसाद की पत्नी बबीता देवी ने उन्हें 1,341 वोटों से हराया। Video:
2019 में लंबोदर महतो की वापसी
2019 के विधानसभा चुनाव में डॉ. लंबोदर महतो ने जोरदार वापसी करते हुए बबीता देवी को 11,000 से अधिक वोटों के अंतर से हराया और विधायक बने। लेकिन, उनका जनाधार अगले चुनाव तक सीमित रहा।https://currentbokaro.com/bokaro-chief-minister-paid-tribute-on-the-martyrdom-of-agniveer-arjun-mahato-he-was-a-resident-of-chandankiyari/
2024 में त्रिकोणीय मुकाबला
2024 के चुनाव में गोमिया में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला। झामुमो ने फिर से योगेंद्र प्रसाद को मैदान में उतारा, जबकि आजसू के डॉ. लंबोदर और झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) ने पूजा देवी को प्रत्याशी बनाया। इस बार भी योगेंद्र प्रसाद ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की, जबकि पूजा देवी 59,077 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहीं। डॉ. लंबोदर महतो को मात्र 54,508 वोट मिले और उन्हें तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा।
2014 की तरह ही रिकॉर्ड मतों से जीत
चुनाव प्रचार के दौरान योगेंद्र प्रसाद ने बार-बार दावा किया था कि वह 2014 की तरह रिकॉर्ड मतों से जीतेंगे। उन्होंने इसे सच कर दिखाया और गोमिया में झामुमो का दबदबा कायम रखा। उनकी जीत ने न केवल राजनीतिक समीकरण बदले, बल्कि यह दिखाया कि क्षेत्र में उनकी पकड़ अब भी मजबूत है।
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