Bokaro: बोकारो के सेक्टर 12 इलाके में बन रहे मेडिकल कॉलेज और मेडिकेंट अस्पताल के कारण आसपास की जमीन अतिक्रमणकारियों के निशाने पर है। नेशनल हाईवे और बीएसएल की जमीन को लोग पत्थर और बांस से घेरकर कब्जा कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह इलाका जल्द ही विकसित होगा, जिससे यहां की प्रॉपर्टी की मांग और बढ़ेगी।
बीएसएल की निष्क्रियता पर उठे सवाल
मेडिकल कॉलेज के बाउंड्रीवॉल निर्माण के साथ ही अतिक्रमणकारियों ने तेजी से जमीन कब्जाना शुरू कर दिया है। खासकर नेशनल हाईवे के किनारे और बोकारो स्टील प्लांट की जमीन पर अवैध कब्जे हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि बीएसएल प्रबंधन इस स्थिति को अनदेखा कर रहा है और कार्रवाई में देरी कर रहा है। एक-दो बार बीएसएल की टीम ने सब्जी विक्रेताओं और कुछ दुकानों को वहां से हटाया और अपनी पीठ थपथपा कर चली गई, लेकिन कुछ नहीं बदला, बल्कि चीजें और तेजी से होने लगीं।
यात्री शेड और पार्किंग स्थल पर कब्जा
नेशनल हाईवे के किनारे बने यात्री शेड और पार्किंग स्थल पर भी अतिक्रमण हो चुका है। यहां लोहे के ढांचे खड़े कर दिए गए हैं, जिससे यात्रियों को असुविधा हो रही है। साथ ही एनएच 23 के किनारे सब्जी दुकानों और फुटपाथ दुकानदारों के कारण अक्सर सड़क जाम और छोटी दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
एनएचएआई और प्रशासन की चुप्पी
एक दैनिक अख़बार में छपे खबर के अनुसार लोगों का कहना है कि एनएच 23 पर सरकारी जमीन पर कब्जे के लिए रिश्वत दी जाती है। सर्विस रोड और सड़कों के किनारे अवैध निर्माण ने ट्रैफिक व्यवस्था को और जटिल बना दिया है। भारी वाहनों की पार्किंग में भी परेशानी हो रही है।
सरना समिति की मांग
सरना समिति के अध्यक्ष महेश सिंह मुंडा ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के लिए उपायुक्त से जल्द प्रतिनिधि मंडल मुलाकात करेगा। बगल में अतिक्रमण कर बने दूकान सरना स्थल के आसपास गंदगी फैला रहे है।
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