Bokaro: “पोषण भी, पढ़ाई भी” कार्यक्रम सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य जिले के बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करना है। यह कार्यक्रम बच्चों को सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक पोषण भी प्रदान करता है। उक्त कार्यक्रम के तहत जिले में आज दिनांक 16 दिसंबर, 2024 को तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला परिषद कार्यालय के सभागार में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी डॉक्टर सुमन गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। वहीं इसी कार्यक्रम के तहत गोमिया प्रखंड के सभागार में भी शुभारंभ किया गया, जिसमें प्रखंड विकास पदाधिकारी गोमिया सहित अन्य प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में चास ग्रामीण एवं गोमिया प्रखंड के लगभग 100 सेविकाएं भाग लिये। मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी चास प्रदीप कुमार, बाल परियोजना पदाधिकारी चास, सुपरवाइजर एवं पर्यवेक्षक उपस्थित थी। तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी डॉ सुमन कुमार गुप्ता ने कहा कि आईसीडीएस के तहत बच्चों को बौद्धिक विकास के लिए यह कार्यक्रम चलाया गया है। इसलिए आप सभी अस्थिर मन से प्राप्त अक्षरश पालन करते हुए प्रशिक्षण प्राप्त कीजिए तदोपरांत अपने-अपने केंद्रों में जाकर इससे इंप्लीमेंट करें।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्वस्थ बच्चे, उज्ज्वल भविष्य, शिक्षा में सुधार एवं समाज में बदलाव है…-
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी डॉक्टर सुमन गुप्ता ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्वस्थ बच्चे, उज्ज्वल भविष्य, शिक्षा में सुधार एवं समाज में बदलाव है। इसके तहत कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य बच्चों को स्वस्थ और पोषित बनाना है ताकि वे बेहतर ढंग से सीख सकें और अपने जीवन में सफल हो सकें तथा बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर भी जोर देता है ताकि वे अपने भविष्य के लिए तैयार हो सकें। इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में पोषण और शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है।
आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को पोषक आहार दिया जाता है-
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी डॉक्टर सुमन गुप्ता ने कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को पोषक आहार दिया जाता है और उन्हें खेल-कूद और शिक्षण गतिविधियां करवाई जाती हैं तथा शिक्षकों को बच्चों को प्रभावी ढंग से पढ़ाने और उनके पोषण के बारे में जागरूक करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। इसके साथ साथ माता-पिता को बच्चों के पोषण और शिक्षा में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है तथा समुदाय के लोगों को भी इस कार्यक्रम में शामिल किया जाता है ताकि वे बच्चों के विकास में योगदान दे सकें।
बच्चे को शुरुआती ज्ञान व जानकारी मिल सके-
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी डॉक्टर सुमन गुप्ता ने आंगनबाड़ी किट के बारे में बताया कि इस किट में कुल 80 किताबें हैं, जिसमें बच्चों से लेकर महिलाओं तक की जानकारी उपलब्ध है। इसमें रखें सभी किताबों को प्रैक्टिकल रूप से तैयार किया गया है ताकि बच्चों को सिखाने में बहुत ही आसानी हो सके। उन्होंने आगे बताया कि स्कूल जाने से पूर्व की तैयारी को लेकर बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में भेजा जाता ताकि बच्चे को शुरुआती ज्ञान व जानकारी मिल सके।
बच्चों की पढ़ाई में सुधार होगा और वे बेहतर अंक प्राप्त करेंगे-
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी डॉक्टर सुमन गुप्ता ने कार्यक्रम से बच्चों को बहुत लाभ होगा। इसके तहत बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर होगा। साथ ही साथ बच्चों की पढ़ाई में सुधार होगा और वे बेहतर अंक प्राप्त करेंगे। उन्होंने आगे बताया कि इस कार्यक्रम से समाज का विकास होगा और देश का भविष्य सुरक्षित रहेगा।
प्रशिक्षण उपरांत अपने अपने केंद्रों पर जाकर इंप्लीमेंट करें-
प्रखंड विकास पदाधिकारी चास श्री प्रदीप कुमार ने कहा कि यह तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में आपलोग पूरे मन लगाकर प्रशिक्षण प्राप्त करें तथा प्रशिक्षण के उपरांत अपने अपने आंगनबाड़ी केंद्र में जाकर बच्चों को कैसे पढ़ाना है, कैसे बच्चों को बैठाना है, कैसे बच्चों को सीखाना है, यह सब बाते सीखकर ले, अपने अपने केंद्रों पर जाकर इंप्लीमेंट करें। बच्चों को क्या-क्या चीज खाना है क्या-क्या चीज नहीं खाना है इसके बारे में भी बच्चों को विस्तार पूर्वक जानकारी दें ताकि वह छोटे से ही उनका दिल दिमाग मजबूत हो।
प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनर सह महिला पर्यवेक्षिका रेणु लता एवं स्मिता अखौरी तथा गोमिया प्रखंड में मास्टर ट्रेनर सह महिला पर्यवेक्षिका नीतू सिंह एवं कंचन कुमारी के द्वारा दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी अनीता झा सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।