Bokaro: बोकारो स्टील प्लांट (BSL) अपने कर्मचारियों और शहरवासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। अस्पताल के सुधार का काम दो तरीकों से किया जा रहा है। पहले, सेल (SAIL) प्रबंधन अपने सभी अस्पतालों की अच्छाइयों और बुराइयों का मूल्यांकन करवा रहा है, और इस रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया जाएगा कि किस अस्पताल में कौन-सी सुधार और विकास की जरूरत है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
दूसरे, बीएसएल प्रबंधन ने राउरकेला के मॉडल पर बोकारो में भी एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने की योजना बनाई है। इस परियोजना पर गोपनीय रूप से काम करते हुए, बीएसएल प्रबंधन ने एक प्रतिष्ठित कंपनी से कई दौर की बातचीत की है। यह कंपनी, बीजीएच के सहयोग से, बोकारो में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल खोलने के लिए देश-विदेश के प्रमुख अस्पतालों को प्रेरित करेगी और उनसे समझौते करेगी। दोनों दिशा में काम एक साथ चल रहा है
बीजीएच में डॉक्टरों की कमी और चुनौतियां
पिछले कुछ वर्षों से बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) में डॉक्टरों की कमी एक बड़ी समस्या बन गई है। खास तौर पर सुपर स्पेशलिस्ट और सर्जन की कमी के कारण नेफ्रोलॉजी, कार्डियोलॉजी आदि कई विभाग प्रभावित हुए हैं। बीएसएल का मानव संसाधन विभाग भी सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर लाने में विफल रहा है। बीजीएच द्वारा घोषित रिक्ति के लिए साक्षात्कार में सुपर स्पेशलिस्ट नहीं आ रहे हैं। जो एक-दो आए, वे चले गए। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
डॉक्टरों की कमी के कारण बीएसएल प्रबंधन के लिए अपने करीब 10 हजार कर्मचारियों और अधिकारियों को अच्छी चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती बन गई है। बीजीएच से गंभीर मरीजों को दूसरे शहरों के बड़े अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है। इसमें मरीजों को काफी परेशानी हो रही है और कई बार उनकी जान भी जोखिम में पड़ जाती है, जबकि बीएसएल को करोड़ों का खर्च उठाना पड़ रहा है।
कर्मचारियों में असंतोष और इलाज में बदलाव की जरूरत
चिकित्सा व्यवस्था के गिरते स्तर के कारण कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है। शहर में चिकित्सा, मनोरंजन और अन्य सुविधाओं की कमी के कारण अच्छे इंजीनियर भी बीएसएल इस्पात संयंत्र (BSL) में नहीं आ पा रहे हैं और जो आ रहे हैं, वे एक-दो साल में ही चले जा रहे हैं। इसके अलावा आने वाले वर्षों में बीएसएल के कई शीर्ष व मध्यम स्तर के अधिकारी भी सेवानिवृत्त होने वाले हैं, जिनकी चिंता अब बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) की बिगड़ती स्थिति को लेकर बढ़ती जा रही है। अधिकांश लोग सेवानिवृत्ति के बाद बोकारो छोड़ना नहीं चाहते, लेकिन बेहतर चिकित्सा सुविधा की जरूरत उनके लिए बड़ी चुनौती बन गई है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
राउरकेला मॉडल को लेकर बीएसएल का नया कदम
इन समस्याओं से जूझते हुए सेल द्वारा राउरकेला (Rourkela) में अपोलो अस्पताल की स्थापना से प्रेरित होकर बीएसएल अधिकारियों ने बोकारो में भी अपोलो या इसके जैसे किसी बड़े समूह को लाने की दिशा में कदम बढ़ाने का निर्णय लिया है। सूत्रों के अनुसार बीजीएच में तेजी से काम चल रहा है और अस्पताल प्रबंधन एक बड़ी कंपनी से करार करने जा रहा है। यह कंपनी न सिर्फ देश-विदेश के बड़े अस्पताल समूहों से संपर्क करेगी, बल्कि उनके और बीएसएल के बीच एमओयू कराकर उच्चस्तरीय सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल स्थापित करने पर भी काम करेगी। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
भूमि सर्वेक्षण और भविष्य की योजनाएँ
कई दौर की बातचीत के बाद कंपनी के अधिकारियों ने बीजीएच टीम के साथ मिलकर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए भूमि के चयन के लिए सर्वेक्षण भी किया है। हालांकि अभी तक कुछ फाइनल नहीं हुआ है, लेकिन बीजीएच से सेक्टर 9 खटाल की ओर की भूमि अधिकारियों को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने के लिए उपयुक्त लगी है। बीएसएल के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार प्रबंधन का उद्देश्य बीजीएच के सुनहरे दिनों को वापस लाना है। किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए जिस गोपनीय तरीके से बीएसएल ने डीएवी समूह के साथ मिलकर डीएवी इस्पात विद्यालय की स्थापना की, उसी तरह इस अस्पताल परियोजना को भी उसी गोपनीय तरीके से किया जा रहा है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही बोकारो में एक नए सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का रास्ता खुल जाएगा, जो बीएसएल कर्मचारियों और शहरवासियों को सस्ते दर पर बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करेगा। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x