Bokaro: जमकुदर गांव, कसमार प्रखंड की 95 वर्षीय गंगामणि देवी की दुर्दशा हर किसी के दिल को झकझोर देने वाली है। जिस उम्र में बच्चों का सहारा सबसे बड़ी ताकत होती है, गंगामणि को परिवार ने बेबस छोड़ दिया। बड़े घर में रहने के बावजूद वह एक कोने में खाट पर पड़ी थीं, बिना किसी देखभाल के। यह दिल दहला देने वाला मामला तब सामने आया, जब गांववालों ने उनकी स्थिति की जानकारी बोकारो उपायुक्त जाधव विजया नारायण राव को दी। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
डीसी की त्वरित कार्रवाई: इंसानियत की नई मिसाल
सूचना मिलते ही उपायुक्त राव ने अपनी टीम को मामले की जांच के निर्देश दिए। अधिकारियों ने गंगामणि की गंभीर स्थिति को देखकर उन्हें कसमार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। डीसी ने बताया, “परिवार ने बुजुर्ग महिला को बेसहारा छोड़ दिया था, जो न केवल अमानवीय है, बल्कि कानून का भी उल्लंघन है।” Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
बेटों की बेरुखी पर प्रशासन का प्रहार
गंगामणि के दो बेटे, वकील डे और सुभाष डे, अपनी मां की जिम्मेदारी से भागते नजर आए। छोटा बेटा वकील निरसा में चाय की दुकान चलाता है, जबकि बड़ा बेटा सुभाष बेरमो में ससुराल में रहता है। प्रशासन ने वकील को ट्रैक कर उसे बुजुर्गों की देखभाल कानून के तहत सख्त चेतावनी दी। मां की उपेक्षा पर शर्मिंदा वकील ने माफी मांगते हुए रविवार को गंगामणि को घर ले जाकर उनकी देखभाल का वादा किया।
“मां-बाप का सहारा बनें, न कि बोझ समझें”
उपायुक्त राव ने भावुक अपील करते हुए कहा, “यह हमारी नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी है कि हम अपने माता-पिता की देखभाल करें। उनकी उपेक्षा को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” इस घटना ने समाज को यह संदेश दिया कि बुजुर्गों की सुरक्षा और सम्मान के लिए हर किसी को सतर्क रहना चाहिए। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
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