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Bokaro: हज़ारो एकड़ सरकारी भूमि पर संदेहास्पद जमाबंदी, रिसॉर्ट मामले में उपायुक्त सख्त


Bokaro: उपायुक्त विजया जाधव ने भूमि संबंधित एक मामले में सुनवाई करते हुए बिहार भूमि सुधार अधिनियम (BPLE) की धारा 4(h) के तहत वाद संख्या-39/2023-24 तथा अतिक्रमण वाद सं0-04/2024-25 के निष्पादन होने तक उक्त परिसर पर यथा स्थिति बनाये रखने हेतु परिसर को सील करने का निदेश अनुमण्डल पदाधिकारी (एसडीओ) चास/अंचल अधिकारी (सीओ) चास को दिया है। भूमि से संबंधित जमाबंदी को संदेहास्पद मानते हुए वादी को राजस्व दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने हेतु नोटिस निर्गत किया गया है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

ज़िले में संदेहास्पद जमाबंदी का मामला फिर एक बार तूल पकड़ता दिख रहा है। बोकारो जिले के लगभग एक लाख एकड़ सरकारी भूमि संदेहास्पद जमाबंदी के दायरे में है। विदित हो कि अकेले चास अंचल में संदेहास्पद जमाबंदी के लगभग 42,000 से अधिक मामले हैं। जिनकी जमाबंदी को संदेहास्पद मानते हुए 4 एच की नोटिस दिया गया है या उनपर कार्रवाई लंबित है। इस प्रकार पूरे जिले में एक लाख संदेहास्पद जमाबंदी के मामले हैं। जिसका सर्वेक्षण एवं फाइल 2016 में तैयार किया गया था।

जिले कें उपायुक्त विजया जाधव के निर्देश पर चास अंचलाधिकारी दिवाकर दूबे ने व्यवसायी उमेश जैन पर पिंड्राजोरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया। यह प्राथमिकी सरकारी सेवक के आदेश का अनुपालन नहीं करने एवं संपत्ति की गलत तरीके से हड़पने की धाराओं में दर्ज किया गया। व्यवसायी उमेश जैन द्वारा चास अंचल अंतर्गत मौजा नारायणपुर में एक रिसोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। आरोप है कि उक्त रिसोर्ट की कुल भूमि में से 2.30 एकड़ भूमि गैरमजरूआ खास किस्म जंगल-झाड़ी भूमि है, जिसका एक हिस्सा वन विभाग के अधीन है, जबकि शेष भूमि बिहार सरकार की अनाबाद खाता भूमि में आती है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

बोकारो जिले के लगभग एक लाख एकड़ सरकारी भूमि की चल रही है संदेहास्पद जमाबंदी

वर्ष 2016 में संदेहास्पद जमाबंदी को लेकर तत्कालीन मुख्य सचिव राजबाला वर्मा के निर्देश पर जांच किया गया था। तब के अंचल अधिकारियों से मिली रिपोर्ट के अनुसार 50,622 हजार लोगों के नाम से विभिन्न मौजा में लगभग एक लाख एकड़ भूमि की अवैध या संदेहास्पंद जमाबंदी चल रही थी। तत्कालीन मुख्य सचिव राजबाला वर्मा की सेवानिवृत्ति के बाद मामला ठंडा पड़ गया था। फिर 2021 में राजस्व विभाग ने सभी उपायुक्तों को पत्र भेजकर रद करने का प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया था। घर पत्र के बाद किसी कारण से मामला ठंडा पड़ गया है। अब उपायुक्त विजया जाधव के निर्देश के बाद चास सहित सभी अंचल अधिकारी एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं। चूंकि एक ओर अलग-अलग लोग गलत कागजात के सहारे जमीन पर अपना दावा कर रहे हैं वहीं उद्योग एवं परियोजनाओं के लिए जमीन नहीं मिल रहा है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

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Source : Dainik Jagran (Bokaro Edition)

 


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