बोकारो में रविवार को आयोजित हाफ मैराथन में कई प्रतिभागी दूसरों के लिए प्रेरणा बनें। इनमें से एक अद्वितीय कहानी 70 वर्षीय पपिना देवी की रही। जब उनका नाम विजेता के रूप में स्टेज पर गूंजा, तो किसी ने नहीं सोचा था कि साड़ी और हवाई चप्पल पहने एक बुजुर्ग महिला स्टेज पर आएगी। उनका सरल लेकिन प्रभावशाली रूप देख सभी हैरान रह गए। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1xसुपरहीरो जैसा संघर्ष: पपिना देवी की अद्वितीय उपलब्धि -See Video and Report
स्टेडियम के नीचे खड़े लोग शोर मचाते हुए कहते नजर आए, “हां, हमने उन्हें दौड़ते देखा है!” हाफ मैराथन में भाग लेने से लेकर पदक जीतने तक पपिना देवी की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं थी। बिहार के विक्रमगंज (डेहरी ऑन सोन Dehri on Sone) के घोसिया गांव की रहने वाली पपिना देवी को यह भी नहीं पता था कि उन्होंने 10 किलोमीटर की दौड़ जीत ली है। साड़ी पहनकर, सिर पर पल्लू संभालते हुए, बिना चप्पल के दौड़ते हुए उन्होंने सभी को पछाड़ा और दूसरे स्थान पर आईं।
परिवार का साथ: पापिना देवी की नातिन का योगदान
पपिना देवी की नातिन ने उन्हें इस दौड़ में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उनकी नातिन रौशनी बताती हैं कि वह लोग सेक्टर 8 में रहते है। उनकी नानी कुछ हफ्ते पहले आंखों के इलाज के लिए बोकारो आई थीं। इसी बीच हाफ मैराथन आयोजित होने की घोषणा हो गई। रौशनी हर दिन अपने नानी के साथ घर के पास टहलती है, इसलिए उन्होंने अपने, अपने भाई आर्यन के साथ-साथ नानी का भी रजिस्ट्रेशन करवा दिया। सोचा उस दिन भी टहल आएंगे। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
अवरोधों को पार करना: संघर्ष की यात्रा
आज नानी को बोलकर की लम्बा टहलना है, वह स्टेडियम पहुंची। दुर्भाग्यवश रौशनी का बिब कही खो गया, इसलिए वह भाग नहीं ले पाई पर नानी रेस में शामिल हो गई। पपिना देवी के लिए ये सब बिलकुल नया था। रौशनी उनका सहारा बनी। स्टेडियम से जब दौड़ शुरू हुई तो पपिना देवी भी धावकों के भीड़ में थी। अपने को पीछे देख, उन्होंने स्टेडियम के बाहर अपना चप्पल खोल दिया। उसके बाद नंगे पाव उन्होंने 10 किलोमीटर का रास्ता रफ़्तार से पूरी कर ली। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
पापिना देवी का गौरवपूर्ण पल
रेस समाप्त होने के बाद पपिना देवी को उनके पुरस्कार के साथ स्टेज पर बुलाया गया, और जैसे ही उन्होंने अपना इनाम लिया, मीडिया ने उन्हें घेर लिया। उन्होंने कहा की इससे पहले वह कभी कोई रेस में नहीं दौड़ी है। ये पहली बार उन्होंने किसी रेस में भाग लिया है। उन्होंने कभी सोचा ही नहीं था की वह जीतेंगी, पर जित गई। वह गांव में रहती है और आम लोगो की तरह रहती है। उनकी जीत से रौशनी बहुत खुश थी। रौशनी ने कहा की उनकी नानी को जीत में 4000 नकद इनाम भी मिला है। जिससे वह लोग पार्टी करेंगे।
पपिना देवी का यह अद्वितीय सफर, जिसमें उन्होंने हर चुनौती को पार किया और साबित किया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, हर किसी के लिए प्रेरणा बन गया। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x