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Bokaro में क्विनोआ, स्पिरुलिना और चिया बीज की खेती पर चर्चा


Bokaro: बोकारो समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में उपायुक्त विजया जाधव की अध्यक्षता में कृषि के क्षेत्र में नवाचार पर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में क्विनोआ, स्पिरुलिना और चिया बीज जैसे उच्च मूल्य वाले सुपरफूड की पायलट खेती पर चर्चा की गई। इस पहल का मुख्य उद्देश्य जिले में महिलाओं और बच्चों में व्याप्त कुपोषण की समस्या को दूर करना और किसानों को कम जल की आवश्यकता वाली लाभदायक फसलों की खेती के लिए प्रेरित करना है। बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी, PRADAN NGO के विशेषज्ञ एवं JSLPS के जिला परियोजना प्रबंधक उपस्थित रहे।

किसानों को उच्च लाभदायक फसलों की ओर बढ़ने का सुझाव
बैठक के दौरान उपायुक्त श्रीमती विजया जाधव ने कहा कि बोकारो के किसानों के पास सीमित कृषि भूमि और संसाधन हैं, इसलिए उन्हें ऐसी फसलों की ओर रुख करना चाहिए जो कम लागत में अधिक लाभ प्रदान करें और जिनकी बाजार में अच्छी मांग हो।

KVK पेटरवार ने 80 डिसमिल भूमि पर चिया बीज की खेती की
बैठक में कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) पेटरवार द्वारा चिया बीज की पायलट खेती के सफल परिणामों पर भी चर्चा की गई। वर्तमान में KVK पेटरवार ने 80 डिसमिल भूमि पर चिया बीज की खेती की है और इसके विकास को संतोषजनक पाया गया है। ये बीज अब रांची में बेचे जा रहे हैं और KVK एक खरीदार के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) के माध्यम से ऑनलाइन बिक्री शुरू करने की प्रक्रिया में है। इस सफलता को देखते हुए, KVK पेटरवार इस वर्ष 10 एकड़ भूमि में चिया बीज की खेती का विस्तार करने का लक्ष्य रख रहा है, जिसमें प्रगतिशील किसानों और किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) की भागीदारी होगी।

किसानों के बीच जागरूकता अभियान
बोकारो में कई किसान और FPO कार्यरत हैं, जिनमें से कई को कृषि स्मार्ट गांवों के तहत संगठित किया गया है। इसके अलावा, जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (DMFT) के माध्यम से सोलर लिफ्ट सिंचाई इकाइयों जैसी सिंचाई सुविधाएँ भी स्वीकृत की गई हैं। इस अनुकूल वातावरण को देखते हुए, क्विनोआ, स्पिरुलिना और चिया बीज की खेती के लिए कसमार, पेटरवार और जरीडीह प्रखंडों में एक व्यापक योजना तैयार की जा रही है और प्रायोगिक तौर पर इसकी खेती की शुरुआत हो रही है।

पोषण सुधार और किसानों की आय में वृद्धि
इस संदर्भ में उपायुक्त श्रीमती विजया जाधव ने संबंधित पदाधिकारियों को मृदा परीक्षण, किसानों के मध्य व्यापक प्रचार-प्रसार तथा बेहतर विपणन को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही इस योजना को PRADAN NGO, कृषि विभाग बोकारो और JSLPS के सहयोग से कार्यान्वित करने को कहा गया। जिला कृषि पदाधिकारी ने इस संदर्भ में तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराने पर सहमति दी।

सतत कृषि और आर्थिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
यह पहल सतत कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ जिले में पोषण सुधार और किसानों की आय में वृद्धि सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रशासन, विभिन्न भागीदारों के सहयोग से सुपरफूड की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे स्वास्थ्य और आर्थिक विकास दोनों को बल मिलेगा।

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