Bokaro: विधानसभा में बोकारो विधायक श्वेता सिंह ने वर्षों से उपेक्षित विस्थापितों की समस्याओं को पुरजोर तरीके से उठाया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि सेल बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) का निर्माण न सिर्फ झारखंड बल्कि पूरे भारत के औद्योगिक विकास के लिए महत्वपूर्ण रहा है। लेकिन इस विकास की कीमत उन विस्थापित परिवारों ने चुकाई है, जो आज भी अपने अधिकारों से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि अब तक 19 विस्थापित गांवों को पंचायती राज प्रणाली में शामिल नहीं किया गया है, जिससे इन गांवों के लोग कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
60,000 विस्थापितों का भविष्य अनिश्चित
बोकारो के विस्थापित गांवों में रहने वाले लगभग 60,000 लोग अपनी निजी जमीन दे चुके हैं, लेकिन उन्हें अब तक स्थायी पहचान नहीं मिल पाई है। वे न तो अपनी ही पंचायत बना सकते हैं और न ही पंचायत चुनावों में भाग ले सकते हैं। यह विस्थापित परिवार सांसद और विधायक तो चुनते हैं, लेकिन पंचायत का दर्जा न मिलने के कारण स्थानीय स्तर पर विकास कार्यों से पूरी तरह कटे हुए हैं। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
सरकारी योजनाओं से वंचित विस्थापित गांव
विधायक श्वेता सिंह ने बताया कि विस्थापित क्षेत्रों में सरकार की कोई भी योजना पूरी तरह लागू नहीं हो पाती। यहां के निवासी न तो अपने मूलभूत दस्तावेज प्रखंड कार्यालय में बना सकते हैं और न ही उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाएं मिल पा रही हैं। उन्होंने कहा कि विस्थापितों ने देश के विकास में अपनी जमीन देकर योगदान दिया, लेकिन बदले में उन्हें किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिल रही है।
राज्य सरकार का आश्वासन
विधायक ने सरकार से मांग की कि विस्थापितों की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान किया जाए। इस पर झारखंड राज्य पंचायती राज मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार विस्थापितों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि बोकारो इस्पात संयंत्र से सहमति प्रमाण पत्र मिलने के बाद अधिग्रहीत गांवों में पंचायती राज बहाल करने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
Bokaro MLA- Shwettaa Singh
मैंने अपने विस्थापित परिवारों की आवाज़ को सदन के पावन पटल पर रखा। विस्थापित ग्रामों को पंचायती राज का अधिकार मिलना चाहिए, और यही मेरा लक्ष्य और उद्देश्य है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए मैं न केवल एक बार, बल्कि कई बार इस महत्वपूर्ण मुद्दे को सदन में उठाती रहूंगी। हमारा हक हमें मिलेगा, और हम इसे हासिल करके रहेंगे।