बोकारो जिले में जल गुणवत्ता की जांच को लेकर केंद्रीय भूजल बोर्ड (CGWB SUO), रांची द्वारा विभिन्न स्थानों से मानसून के बाद जल नमूने एकत्र किए गए थे। इन नमूनों का विश्लेषण 16 से 30 अप्रैल 2025 के बीच पटना स्थित क्षेत्रीय रासायनिक प्रयोगशाला में किया गया। जांच में पाया गया कि जिले के जल में नाइट्रेट और फ्लोराइड की मात्रा BIS मानकों (45 mg/L व 1.5 mg/L) से अधिक है। रिपोर्ट में जल को सुरक्षित बनाने के लिए रिवर्स ऑस्मोसिस, आयन विनिमय, अधिशोषण जैसी आधुनिक तकनीकों के उपयोग की सिफारिश की गई है। स्थानीय प्रशासन को चेताया गया है।
Bokaro: जिले में जल गुणवत्ता की जांच को लेकर सीजीडब्ल्यूबी एसयूओ (CGWB SUO) रांची द्वारा अलग-अलग स्थानों से नमूना संग्रह किया गया था। CGWB SUO रांची झारखंड द्वारा 16/4/2025 से 30/4/2025 के बीच केंद्रीय भूजल बोर्ड, मध्य-पूर्वी क्षेत्र, पटना की क्षेत्रीय रासायनिक प्रयोगशाला में नमूनों का विश्लेषण किया गया। ये नमूने मानसून के बाद नेटवर्क हाइड्रोग्राफ स्टेशनों से एकत्र किए गए थे।
जिसमें पाया गया कि बोकारो जिले से संग्रह नमूनों में नाइट्रेट सांद्रता अनुमेय सीमा (Permissible limit 45 mg/L) से अधिक है। सीजीडब्ल्यूबी एसयूओ (CGWB SUO) रांची के अनुसार जल से नाइट्रेट को कच्चे जल के स्रोत प्रतिस्थापन, कम नाइट्रेट वाले जल के साथ सम्मिश्रण, अधिशोषण/आयन विनिमय, रिवर्स ऑस्मोसिस आदि विधियों का उपयोग करके हटाया जा सकता है।
वहीं, बीआईएस 2012 के अनुसार जिले से संग्रह नमूनों में फ्लोराइड की सांद्रता 1.5 मिलीग्राम/लीटर की अनुमेय सीमा से अधिक पाई गई है। फ्लोराइड उपचार के लिए अधिशोषण, आयन विनिमय, आयन विनिमय रेजिन आदि विधियों को अपनाने का सुझाव सीजीडब्ल्यूबी एसयूओ (CGWB SUO) रांची ने दिया है।