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Bokaro में जब जनता नहीं पहुंची, तो DCLR अपना कोर्ट लेकर पहुँच गए जनता तक


Bokaro: बोकारो में शुक्रवार को एक ऐसा दृश्य देखने को मिला, जो शायद झारखंड के न्यायिक इतिहास में पहली बार हुआ। जब बार-बार नोटिस देने और मैसेज भेजने के बावजूद अपीलकर्ता जमीन विवादों की सुनवाई के लिए DCLR कोर्ट नहीं पहुंचे, तो चास के भूमि सुधार उपसमाहर्ता (DCLR) प्रभाष दत्ता ने अनोखा फैसला लिया—अब कोर्ट ही लेकर फरियादियों के पास पहुँच गए। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x 

1200 से अधिक भूमि विवाद: DC की अनुमति से कोर्ट का विशेष कैंप
चास और चंदनकियारी अंचल कार्यालयों से संबंधित करीब 1200 नामांतरण अपील वाद पिछले दो वर्षों से DCLR चास की कोर्ट में लंबित हैं। इनमें 800 पुराने और 400 ताजा मामले हैं। डीसीएलआर ने इन मामलों की निष्पत्ति के लिए उपायुक्त अजय नाथ झा से विशेष अनुमति प्राप्त कर कोर्ट को सीधे अंचल कार्यालयों में स्थानांतरित करने की योजना बनाई। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x 

नोटिस, अखबार, मैसेज—फिर भी नहीं पहुंचे फरियादी
DCLR दत्ता ने बताया कि ऑनलाइन अपील के बाद हर अपीलकर्ता को स्वत: मैसेज भेजा गया। इसके अलावा दैनिक अखबारों में कई बार सूचना प्रकाशित की गई, लेकिन फिर भी अपीलकर्ता उपस्थित नहीं हुए। दत्ता ने कहा, “बिना उनका पक्ष सुने न्याय कैसे किया जा सकता है? इसलिए हमने खुद ही उनके पास जाकर सुनवाई करने का निर्णय लिया।” Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x 

13 से 18 जून तक विशेष न्याय शिविरों का आयोजन
अब कोर्ट चास अंचल कार्यालय में 13, 14 और 16 जून को, तथा चंदनकियारी अंचल कार्यालय में 17 व 18 जून को विशेष शिविर न्यायालय लगाएगी। DCLR ने स्पष्ट किया है कि अपीलकर्ताओं को पुनः मौका दिया जा रहा है कि वे उपस्थित होकर अपना पक्ष रखें, अन्यथा एकतरफा आदेश पारित करना पड़ेगा। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x 

पहली सुनवाई: बोकारो स्टील सिटी की श्यामली दुबे की अपील से शुरुआत
इस नई व्यवस्था के तहत शुक्रवार को चास CO कार्यालय में शिविर कोर्ट लगाई गई, जहां पहली सुनवाई श्यामली दुबे की अपील पर हुई। मौके पर कई अन्य फरियादी भी अपनी बारी का इंतजार करते देखे गए। अदालत का यह कदम न केवल प्रशासनिक लचीलापन दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि न्याय की डोर अब और मजबूत हो रही है।

जनता के नजदीक न्याय: क्यों लिया गया यह फैसला ? 

DCLR दत्ता ने बताया कि लोग अक्सर जानकारी के अभाव में पुराने अंचल कार्यालयों के चक्कर लगाते हैं। ऐसे में यदि कोर्ट भी निर्धारित स्थान पर ही बैठी रहे, तो न्याय दूर की बात बन जाती है। इसलिए यह निर्णय लिया गया कि “यदि जनता न्यायालय तक नहीं पहुंच पा रही, तो न्यायालय ही जनता तक पहुंचे।” Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x 

DCLR की चेतावनी: अब न आए तो होगा फैसला
भूमि सुधार उपसमाहर्ता ने आदेश जारी कर स्पष्ट किया है कि निर्धारित तिथियों को अनुपस्थित रहने वालों के मामलों में आदेश पारित कर दिया जाएगा। यह सूचना कार्यालयों, हल्का कार्यालयों और पंचायत भवनों के सूचना पट पर भी चस्पा की गई है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x 

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