Bokaro: केवल अच्छों को अच्छा बनाने के लिए बैंक नहीं हैं, बल्कि जो जमीनी स्तर पर हैं, उन्हें ऊपर उठाना भी बैंक की ही जिम्मेवारी है। अभियान चलाकर जिले के प्रतिभाशाली छात्रों को शिविर लगाकर शिक्षा ऋण मुहैया कराएं। आइआइटी/नीट जैसी सभी प्रतियोगी/सामान्य परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को बैंक विशेष शिविर आयोजित कर उन्हें सरल तरीके से शिक्षा ऋण उपलब्ध कराएं। उक्त बातें उपायुक्त अजय नाथ झा ने कहीं। वह सोमवार को समाहरणालय सभागार में जिला स्तरीय साख समिति (DLCC) एवं जिला स्तरीय समीक्षा समिति (DLRC) की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी बैंक शिक्षा ऋण को बढ़ावा दें और जिले के बच्चों के टैलेंट को सपोर्ट करें।
मौके पर आरबीआइ के प्रतिनिधि सन्नी, एलडीएम आबीद हुसैन, डीडीएम नाबार्ड फिलेमन बिलांग आदि उपस्थित थे। बैठक में विभिन्न बैंकों के बैंक समन्वयक एवं अन्य अधिकारी शामिल थे।
बैंक अपना नजरिया बदले, जरूरतमंदों तक पहुंचाएं बैंकिंग सेवा
बैठक में उपायुक्त ने कहा कि बैंकों का कार्य गांव, गरीब, किसान, महिला, छात्र जैसी आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों तक पहुंचकर उन्हें भी आर्थिक मुख्यधारा से जोड़ना है। कहा कि मुद्रा लोन, कृषि ऋण, शिक्षा ऋण तथा हाउसिंग लोन प्रशासन की प्राथमिकता में हैं। बैंक अपने दृष्टिकोण में बदलाव लाएं, सभी जरूरतमंदों तक पहुंचाएं बैंकिंग सेवा।
उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिया कि किसी भी बैंक में ग्राहकों/लोगों से दुर्व्यवहार की शिकायत नहीं आनी चाहिए। बैंक शाखाओं में ग्राहकों को अच्छा और सम्मानजनक माहौल दिया जाए।
क्रेडिट रेशियो पर जताई नाराजगी, लक्ष्य 40% से कम नहीं हो
बैठक में उपायुक्त ने विभिन्न बैंकों के साख अनुपात (क्रेडिट रेशियो) की समीक्षा करते हुए कहा कि कुछ बैंकों का साख अनुपात संतोषजनक नहीं है, जिस पर उन्होंने नाराजगी जताई। उन्होंने निर्देश दिया कि बैंकों का साख अनुपात 40 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए। कहा कि संबंधित बैंक आगे की रणनीति एवं योजना बनाकर जल्द से जल्द प्रदर्शन में सुधार करें। अगली बैठक से इस पर अनौपचारिक बात नहीं होनी चाहिए।
विभिन्न योजनाओं में प्रगति कम, सुधार के निर्देश
फार्म क्रेडिट, क्रॉप लोन, कृषि, एमएसएमई, शिक्षा, हाउसिंग आदि में कुछ बैंकों का प्रदर्शन काफी कम रहा। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि लंबित आवेदनों का गुणवत्तापूर्ण निष्पादन कर जरूरतमंदों को समय पर ऋण उपलब्ध कराएं। यह सभी सेक्टर जिला प्रशासन के प्राथमिकताओं में शामिल है।
महिला सशक्तिकरण पर दिया विशेष जोर
उपायुक्त ने स्वयं सहायता समूह (एसएसजी) को क्रेडिट लिंक कराने की प्रगति की समीक्षा की। महिलाओं और एसएचजी दीदियों को ऋण उपलब्ध कराना प्रशासन की प्राथमिकता है। मुद्रा योजना के तहत ऋण आवंटन में शिथिलता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उपायुक्त ने संबंधित बैंकों को अविलंब ऋण स्वीकृत करने का निर्देश दिया। वहीं, किसानों को अभियान चलाकर किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना से अधिक से अधिक संख्या में लाभांवित करने को कहा।
वित्तीय समावेशन योजनाओं का करें प्रभावी क्रियान्वयन
उपायुक्त ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, एमएसएमई ऋण, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, पीएमईजीपी, पीएमएफएमई आदि योजनाओं को लेकर बैंकों को अधिक सक्रिय रहने तथा लंबित आवेदनों का शीघ्र निष्पादन करने का निर्देश दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि स्वीकृत ऋणों का वितरण तिथि निर्धारित कर किया जाए ताकि लाभुक समय पर राशि प्राप्त कर सकें।
बेहतर प्रदर्शन वाले बैंकों को होगा डिस्पले, कमजोर बैंकों लाएं सुधार
बैठक में उपायुक्त ने सभी योजनाओं में अपेक्षित प्रगति लाने एवं बोकारो के विकास के लिए समर्पित कार्यों को करने वाले बैंकों को जिले के विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर होर्डिंग्स के माध्यम से प्रदर्शित करने, उन्हें सम्मानित करने की बात कहीं। वहीं, खराब प्रदर्शन वाले बैंकों को अगले 45 दिनों के अंदर प्रदर्शन सुधारने को कहा।
नीलाम पत्र वादों में बैंकों की लापरवाही पर नाराजगी
उधर, बैठक में उपस्थित चास अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) प्रांजल ढंडा ने नीलाम पत्र के वादों में संबंधित बैंकों की उदासीनता पर नाराजगी जताई। उन्होंने निर्देश दिया कि वादों की अद्यतन स्थिति कार्यालय को अविलंब उपलब्ध कराएं। साथ ही निर्देश दिया कि संबंधित बैंक अधिकारी बैठकों/सुनवाई में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें, अपना पक्ष रखें।