Bokaro: सावन के पहले सोमवार को बोकारो ज़िला एक विशाल आस्था केंद्र में तब्दील हो गया। शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक शिवभक्तों की भारी भीड़ उमड़ी, जिसने मंदिरों में पूजा-अर्चना कर माहौल को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। सुबह से ही ‘हर हर महादेव’ के जयघोष के साथ वातावरण भक्तिमय हो गया।
हर मंदिर में दिखी श्रद्धा की एक सी छवि
यह आस्था केवल प्रमुख मंदिरों तक सीमित नहीं रही। सेक्टर 1, 3, 4, 8, 9 के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे-छोटे मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी गईं। नवनाथ मंदिर के पुजारी दशरथ पांडे ने कहा, “आज की ऊर्जा विशेष रही। विशेष आरती और हवन का आयोजन भक्तों की आस्था को समर्पित था।”
चिल्का धाम में उमड़ा भक्तों का सैलाब
चिल्का धाम में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। झारखंड-पश्चिम बंगाल सीमा पर स्थित इस मंदिर में हज़ारों भक्तों ने शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाकर प्रार्थना की। सेक्टर 4 की रीना देवी बोलीं, “हर साल सावन में उपवास रखकर शिव की पूजा करती हूं, इससे मानसिक शांति मिलती है।”
भावनाओं से जुड़ी लंबी यात्रा
20 किलोमीटर पैदल चलकर चिल्का धाम पहुंचे श्रद्धालु नितेश कुमार ने कहा, “यह यात्रा केवल शारीरिक नहीं, भावनात्मक भी है। यहाँ आकर आत्मिक सुकून मिलता है।”
छोटे मंदिरों में भी दिखा आध्यात्मिक उत्साह
डुमराजोर के पास बाबा भूतनाथ जैसे सड़क किनारे मंदिर भी मंत्रों और धूपबत्ती की खुशबू से महक उठे। बोकारो ने सामूहिक आस्था, श्रद्धा और परंपरा की एक सुंदर मिसाल प्रस्तुत की।