Bokaro: बोकारो स्टील प्लांट (BSL) ने जवाहरलाल नेहरू बायोलॉजिकल पार्क, जिसे आमतौर पर बोकारो जू (Bokaro Zoo) कहा जाता है, का संचालन वन विभाग को सौंपने का का मन बना लिया है। यह जू टाउनशिप के सेक्टर-4 में 14 जनवरी 1989 को स्थापित किया गया था। चिड़ियाघर को वन विभाग को सौंपने के पीछे प्रबंधन का उद्देश्य जानवरों की बेहतर देखभाल और सुधार सुनिश्चित करना है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
नॉन-कोर विभाग निजी हाथों में सौंपने की तैयारी ?
बीएसएल प्रबंधन धीरे-धीरे अपने विभिन्न विभागों को आउटसोर्स करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। हाल ही में हाउस अलॉटमेंट विभाग से जुड़े क्वार्टरों की देखरेख का जिम्मा एक निजी एजेंसी को सौंपने का निर्णय लिया गया। टाउनशिप के बिजली विभाग के कार्य भी निजी कंपनियों को देने की प्रक्रिया चल रही है। सूत्रों के अनुसार, सेल-बीएसएल ने नॉन-कोर गतिविधियों से जुड़े अधिकांश विभागों को आउटसोर्स करने का मन बना लिया है और इस दिशा में काम शुरू कर दिया है।
स्टाफ की कमी और पशु संख्या में गिरावट चिंता का विषय
बोकारो के चिड़ियाघर को लेकर यह फैसला तब आया है जब जू में लगातार स्टाफ की कमी, वेटरनरी विशेषज्ञों का अभाव और पशु संख्या में गिरावट को लेकर चिंता बढ़ रही थी। पूर्णकालिक पशु चिकित्सक की अनुपस्थिति और जानवरो की प्रमुख प्रजातियों की घटती संख्या ने सेंट्रल जू अथॉरिटी (CZA) के नियमों और वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के अनुपालन पर सवाल खड़े किए हैं। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
इस्पात उत्पादन पर फोकस, चिड़ियाघर संचालन से दूरी
SAIL की इकाई होने के नाते BSL अपने संसाधन और मानवबल को मुख्य रूप से इस्पात उत्पादन में केंद्रित करना चाहता है, इसलिए चिड़ियाघर जैसे सहायक कार्यों से दूरी बना रहा है। सूत्रों के अनुसार, BSL रांची जू या देश के अन्य जू प्राधिकरणों के साथ टाई-अप की योजना बना रहा है ताकि तकनीकी विशेषज्ञता और बेहतर संचालन सुनिश्चित किया जा सके।
तकनीकी समिति का गठन
BSL के मुख्य संचार प्रभारी मणिकांत धान ने बताया कि इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए 5 सदस्यीय तकनीकी समिति बनाई गई है। इसमें अध्यक्ष बोकारो के डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर होंगे, जबकि जिला पशु चिकित्सक, जीएम-इन-चार्ज (हॉर्टिकल्चर) और एक डिप्टी जीएम सदस्य है। इसपर मंथन जारी है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
जू की खासियत और सुविधाएं
127 एकड़ में फैले जवाहरलाल नेहरू बायोलॉजिकल पार्क में तेंदुए, हिरण, पक्षी और अन्य वन्यजीव रहते हैं। इसमें 26 एनक्लोजर (बाड़े), एक पब्लिक एक्वेरियम और टॉय ट्रेन जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। हालांकि, स्टाफ और मेडिकल सुविधाओं की कमी लंबे समय से बनी हुई है। बोकारो चिड़ियाघर फिलहाल बिना पशु चिकित्सक के चल रहा है। जरूरत पड़ने पर जिला प्रशासन के पशु चिकित्सक चिड़ियाघर में आकर जानवरों का इलाज करते हैं।
पिछले वर्षों में कई महत्वपूर्ण पशुओं की मौत
बोकारो चिड़ियाघर में पिछले दशक में कई जानवरों की मौत हो चुकी है। जून 2025 में 6 वर्षीय मादा तेंदुए की मौत हुई, अप्रैल 2022 में सफेद बाघिन गंगा का निधन हुआ, जून 2020 में आखिरी शेरनी रमेेश्वरी की मौत हुई और उसी साल सितंबर में 12 वर्षीय तेंदुआ अक्षय मृत पाया गया। पहले भी कई बाघ, शेर, हिरण और अन्य प्रजातियों की मौत बीमारी या वृद्धावस्था के कारण हो चुकी है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
वन विभाग से उम्मीदें
BSL को उम्मीद है कि वन विभाग के संचालन से स्टाफ की मजबूती, वेटरनरी सुविधाओं में सुधार और पशु संख्या में बढ़ोतरी होगी, जिससे बोकारो जू को एक आदर्श वन्यजीव पार्क के रूप में पुनर्स्थापित किया जा सकेगा। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x