Bokaro: मंगलवार को समाहरणालय स्थित उपायुक्त कार्यालय में आयोजित जनता दरबार का सबसे भावुक पल तब आया, जब सेक्टर आठ निवासी श्याम सुंदर कुमार ने आत्महत्या करने की अनुमति का आवेदन सामने रखा। वर्षों तक संघर्ष और निराशा के बाद उनका हौंसला टूट चुका था। आंखों में आंसू और कंधों पर जिंदगी की थकान लिए वे प्रशासन के सामने अपने दर्द को बयां कर रहे थे।
चोट और जीवन संघर्ष की कहानी
श्याम सुंदर ने बताया कि काम के दौरान हुई दुर्घटना में उनका हाथ गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। उस समय कंपनी द्वारा किए वादों को पूरा नहीं किया गया। न्यायालय में लंबित मामला और बिना आय के जीवन यापन की कठिनाइयों ने उनके चेहरे पर चिंता और पीड़ा के निशान छोड़ दिए थे। भरण-पोषण की समस्या ने उनके जीवन को और कठिन बना दिया।

उपायुक्त की संवेदनशील प्रतिक्रिया
उपायुक्त ने श्याम सुंदर से भावुक होकर कहा कि जीवन ईश्वर की अमूल्य देन है और कोई भी मुश्किल स्थायी नहीं होती। उन्होंने उन्हें आत्महत्या का कोई कदम नहीं उठाने की सलाह दी और भरोसा दिलाया कि प्रशासन उनके साथ है। इसी के साथ श्याम सुंदर का दिव्यांग पेंशन तत्काल स्वीकृत कर दिया गया। यह खबर सुनते ही उनके चेहरे पर राहत और उम्मीद की चमक लौट आई।
जनता दरबार: उम्मीद की किरण
“जनता दरबार का मकसद सिर्फ सुनना नहीं, बल्कि आम जनता को न्याय और समाधान के रास्ते दिखाना है। समाहरणालय के जनता दरबार के साथ-साथ सभी प्रखंडों में भी यह पहल जारी है। श्याम सुंदर की कहानी साबित करती है कि सही समय पर सही मदद किसी के लिए जिंदगी की नई किरण बन सकती है,” – DC Bokaro
