Bokaro: आद्रा रेलवे डिवीज़न के अंतर्गत आने वाले बोकारो रेलवे स्टेशन के गुड शेड में कई दिनों से कोयले के स्टॉक में लगी आग को बुझाने का कार्य लगातार जारी है। यह गुड शेड रेलवे स्टेशन के पास स्थित है, जहाँ सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड (CCL) की खदानों से भारी मात्रा में कोयला लाया जाता है और मालगाड़ी के माध्यम से देशभर के पावर प्लांट्स को भेजा जाता है। कोयले के स्टॉक में आग लगने से भारी धुंआ उठ रहा है जो लोगो के परेशानी का कारण है। यह गुड शेड बोकारो रेलवे का सबसे बड़ा व्यावसायिक केंद्र है, जिससे रेलवे को सालाना 800 करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी होती है।
अग्निशमन विभाग की मदद से नियंत्रण में
जिला अग्निशमन विभाग की मदद से आग पर काफी हद तक नियंत्रण पा लिया गया है। बोकारो फायर स्टेशन के इंचार्ज भगवान ओझा ने बताया कि गुड शेड में बड़ा कोयले का भंडार है, जिसमें कुछ हफ्ते पहले आग लगी थी। उस समय से आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड ने वहाँ कैंप किया हुआ है। फिलहाल आग पर काफी हद तक काबू पाया गया है, लेकिन कोयले के अंदर कहीं-कहीं आग अभी भी सुलग रही है। अग्निशमन विभाग गुड शेड पर नजर रखे हुए है और पानी का छिड़काव कर रहा है।
गुड शेड की स्थिति और स्टॉक
बताया जा रहा है कि बोकारो रेलवे स्टेशन में दो गुड शेड हैं। जिसमे आग लगी हुई है वह गुड शेड स्टेशन और सिवनडीह के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है। एरिया रेलवे मैनेजर विनीत कुमार ने बताया कि इस गुड शेड में चार कंपनियों का कोयला स्टॉक है, जिसका वितरण मालगाड़ी के माध्यम से पावर प्लांट्स को किया जाता है। अनुमानित तौर पर यहां 60 हजार टन से अधिक कोयला जमा था, जिसमें आग लगी थी। पर अब आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है।
आग लगने का कारण

रेलवे अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार आग पुराने दबे हुए कोयले में लगी थी। कोयले के पहाड़नुमा स्टॉक में नया कोयला ऊपर डंप किया जाता है और नीचे का कोयला पर्याप्त वेंटिलेशन नहीं मिलने के कारण ऑक्सीकरण के जरिए आग पकड़ लेता है।
स्टॉक खाली करने और डिस्पैच
आग लगने के बाद रेलवे ने कंपनियों को निर्देश दिया कि वे स्टॉक जल्दी से खाली करें। बीते चार-पांच दिनों में 10 हजार टन से अधिक कोयला मालगाड़ी से डिस्पैच किया गया है। अगले पांच-सात दिनों में 15 हजार टन और कोयला डिस्पैच करने का लक्ष्य है। बताया जा रहा है कि एक महीने में औसतन 17-18 रेक कोयला भेजा जाता है, जिसमें एक रेक में करीब 3800-4200 टन कोयला होता है, जो लगभग 300 ट्रकों के बराबर है।
आर्थिक महत्व
रेलवे सूत्रों के अनुसार बोकारो रेलवे स्टेशन आद्रा डिवीज़न का सबसे अधिक राजस्व देने वाला स्टेशन है। सालाना कमाई लगभग 1300 करोड़ रुपये है, जिसमें 800 करोड़ रुपये कोयले के डिस्पैच से, 400 करोड़ स्टील कंपनियों के माल ढुलाई से और 100 करोड़ पैसेंजर सेवाओं से होती है। प्रतिदिन करीब 12 हजार यात्री बोकारो से होकर गुजरने वाली 60 जोड़ी ट्रेनों का इस्तेमाल करते हैं।

