Bokaro: आगामी छठ महापर्व को देखते हुए चास अनुमंडल पदाधिकारी और ट्रैफिक डीएसपी की ओर से श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुचारू यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त आदेश जारी किया गया है। आदेश के तहत छठ घाटों की ओर जाने वाले मुख्य मार्गों पर निर्धारित समयावधि के दौरान भारी वाहनों के परिचालन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
घाटों पर निर्धारित समय पर दिया जाएगा अर्घ्य
शहर के प्रमुख घाटों—सोलागीडीह तालाब, गरगा पुल, गरगा डैम, सिटी पार्क और जगन्नाथ मंदिर—में 27 अक्टूबर 2025 की अपराह्न में अस्ताचलगामी सूर्य और 28 अक्टूबर 2025 की प्रातःकालीन बेला में उदियमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाएगा। इस दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए यातायात व्यवस्था में विशेष परिवर्तन किए गए हैं।
इन मार्गों पर भारी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 27 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे से रात 8 बजे तक और 28 अक्टूबर को सुबह 3 बजे से 9 बजे तक मालवाहक भारी वाहनों का परिचालन प्रतिबंधित रहेगा।
प्रतिबंधित मार्ग इस प्रकार हैं—
- तेलमच्चो सेक्टर-11 मोड़ से सेक्टर-11 की ओर
- पुपुनकी टॉल प्लाजा से जोधाडीह मोड़ व चास की ओर
- तेलगड़ीया मोड़ से जोधाडीह मोड़, चास की ओर
- आईटीआई मोड़ (फोरलेन) से जोधाडीह मोड़, धर्मशाला मोड़, पिण्ड्राजोरा व उकरीद मोड़ की ओर
- पिण्ड्राजोरा चेक पोस्ट से आईटीआई मोड़ की ओर
- बालीडीह से उकरीद मोड़ की ओर
- बोकारो स्टील प्लांट व माराफारी से बालीडीह की ओर
छोटे वाहनों के लिए वैकल्पिक रास्ते तये
छोटे वाहनों के संचालन के लिए विशेष दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। स्टेशन मोड़ बालीडीह से बालीडीह टॉल प्लाजा और तेलगड़ीया मोड़ से जोधाडीह मोड़ की ओर जाने वाले छोटे वाहनों का परिचालन सड़क के दाहिने ओर से होगा।
थाना प्रभारी करेंगे निगरानी
आदेश में सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र के सभी छठ घाटों के आसपास अर्घ्य के समय भारी वाहनों के परिचालन को पूरी तरह से रोकें। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यातायात नियमों का पालन करें और सहयोग बनाए रखें ताकि पर्व शांतिपूर्ण एवं सुरक्षित रूप से संपन्न हो सके। छठ महापर्व के दौरान बोकारो के चास प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के लिए बड़ा निर्णय लिया है। 27 और 28 अक्टूबर को निर्धारित समयावधि में भारी वाहनों के परिचालन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

