देश की अग्रणी महारत्न इस्पात कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (30 सितंबर, 2025 को समाप्त) के लिए मजबूत वित्तीय परिणाम घोषित किए हैं. कंपनी ने उत्कृष्ट परिचालन दक्षता और बेहतर लाभप्रदता का प्रदर्शन करते हुए कई मोर्चों पर सफलता हासिल की है.
बिक्री में जबरदस्त उछाल
SAIL ने पहली छमाही में 9.5 लाख टन कच्चे इस्पात का उत्पादन किया. खुदरा और अन्य उपभोक्ताओं तक बेहतर पहुंच के कारण बिक्री की मात्रा में 16.7% की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई. मूल्य निर्धारण के चुनौतीपूर्ण माहौल के बावजूद, विक्रय मात्रा की बढ़ोतरी ने प्रचालन से कारोबार को ₹52,625 करोड़ के पार पहुंचा दिया.
मुनाफे में शानदार बढ़त
परिचालन दक्षता और लागत अनुकूलन के सफल प्रयासों के परिणामस्वरूप, कर चुकाने के बाद कंपनी का लाभ (PAT) ₹1,112 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में लगभग 32% अधिक है. ब्याज, कर और मूल्यह्रास से पहले की कमाई (EBITDA) ₹5,754 करोड़ रही.
कर्ज में कमी
कंपनी का कुल ऋण घटकर ₹26,427 करोड़ हो गया है, जो मार्च 2023 के स्तर तक पहुंचने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है. इससे कंपनी की वित्तीय स्थिति और मजबूत हुई है.
अध्यक्ष का बयान
SAIL के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने कहा, “वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही का यह प्रदर्शन, परिचालन और वित्तीय दोनों ही पैमानों पर SAIL की उत्कृष्टता की निरंतरता को पुष्ट करता है. वैश्विक इस्पात बाजारों में व्याप्त उतार-चढ़ाव के बावजूद, हमने विक्रय मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है. दक्षता सुधार और लागत युक्तिकरण की दिशा में किए गए ठोस प्रयासों ने इस मजबूत वित्तीय प्रदर्शन को हासिल करने में निर्णायक भूमिका निभाई है.”
निम्न-कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर
भारत की निम्न-कार्बन अर्थव्यवस्था की दिशा में कदम बढ़ाते हुए, SAIL इस महत्वपूर्ण परिवर्तन में सक्रिय रूप से योगदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. कंपनी स्थायी लाभप्रदता सुनिश्चित करने हेतु अपने परिकल्पित विस्तार की योजना को उत्पाद विविधीकरण, ग्राहक-केंद्रित रणनीतियों, डिजिटलीकरण और निरंतर प्रयासों जैसे पूरक स्तंभों पर आधारित कर रही है.

