Bokaro: बोकारो स्टील प्लांट (BSL) ने शुक्रवार को अपने कर्मचारियों के हित में ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब तक जहां केवल अधिकारियों को ही चार पहिया वाहन पास की अनुमति थी, वहीं अब करीब 9000 नॉन-एग्जीक्यूटिव कर्मचारियों को भी यह सुविधा दी जाएगी। इस निर्णय से हजारों कर्मचारियों में खुशी की लहर है।
बीएसएल प्रबंधन ने कहा है कि यह कदम कर्मचारी कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। अब सभी योग्य कर्मचारी अपने वाहन से संयंत्र परिसर में प्रवेश कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें rfbio.sailbsl.in या बोकारो स्टील के इंट्रानेट पोर्टल पर जाकर “Apply for New RFID Card” विकल्प के तहत ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

अब खत्म होगी वर्षों पुरानी मांग, कर्मचारियों में खुशी का माहौल
बीते कई वर्षों से प्लांट के नॉन-एग्जीक्यूटिव कर्मचारी कार पास की सुविधा की मांग करते आ रहे थे। वेतन स्तर और जीवनशैली में सुधार के साथ कई कर्मचारियों ने अपनी निजी कारें भी खरीद ली हैं। लेकिन प्लांट गेट पर प्रवेश पास न मिलने के कारण वे गाड़ियों का उपयोग कार्यस्थल तक नहीं कर पा रहे थे। इस निर्णय से उनकी लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हो गई है।
पास प्राप्त करने की प्रक्रिया और शर्तें
चार पहिया वाहन पास जारी करने के लिए कुछ आवश्यक शर्तें निर्धारित की गई हैं:
- वाहन कर्मचारी के नाम पर पंजीकृत होना चाहिए।
- ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण प्रमाणपत्र, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC), और बीमा दस्तावेज अद्यतन होने चाहिए।
- सभी दस्तावेजों की जांच और सत्यापन प्रक्रिया के दौरान सीआईएसएफ को प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से जारी किया गया है।
कर्मचारियों के लिए बड़ा कदम
BSL में कुल 9269 नॉन-एग्जीक्यूटिव कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें S-01 ग्रेड के कर्मियों का वेतनमान Rs 25,070 से Rs 35,070 के बीच है। अब तक जहां केवल S-09 और उससे ऊपर ग्रेड के अधिकारियों को ही चार पहिया वाहन पास की अनुमति थी, वहीं अब S-01 से S-08 ग्रेड के कर्मचारियों को भी यह सुविधा प्रदान की गई है। बीएसएल द्वारा दी गई यह नई सुविधा न केवल कर्मचारियों के आत्मसम्मान को बढ़ाएगी बल्कि संगठन में समानता और सहयोग की भावना को भी मजबूत करेगी।
वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका रही अहम
बोकारो स्टील प्लांट के ईडी (वर्क्स) प्रिय रंजन, ईडी (ऑपरेशन) अनूप कुमार दत्ता समेत अन्य शीर्ष अधिकारियों ने कर्मचारियों की मांग को गंभीरता से लेते हुए इस पर सकारात्मक पहल की। उनकी संवेदनशीलता और दूरदृष्टि के परिणामस्वरूप ही यह निर्णय लिया गया, जिससे 9000 से अधिक कर्मचारियों को राहत मिली है।

