Bokaro: बोकारो स्टील प्लांट (BSL) प्रबंधन ने जिला प्रशासन के सहयोग से शनिवार को बोकारो एयरपोर्ट के चारदीवारी से सटे बस्ती में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। इस कार्रवाई में करीब 40 झुग्गी-झोपड़ियों को तोड़ा गया। बीएसएल के दो जेसीबी मशीनों को काम में लगाया गया, जबकि सुरक्षा के लिए भारी संख्या में पुलिस बल और मजिस्ट्रेट तैनात रहे। पूरे अभियान की ड्रोन से निगरानी की गई।
अभियान का नेतृत्व कर रहे थे अलोक चावला
अभियान का नेतृत्व बीएसएल के सिक्योरिटी इंचार्ज अलोक चावला ने किया। वहीं, बीएसएल के सम्पदा न्यायालय के एस्टेट ऑफिसर पी.के. सिन्हा मौके पर मौजूद रहे। अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए डीएसपी सिटी के नेतृत्व में चार थानों के थाना प्रभारी अपने दल-बल के साथ तैनात थे। जिला प्रशासन की ओर से मजिस्ट्रेट भी ड्यूटी पर थे। इस कार्रवाई पर बीएसएल, जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के आला अधिकारियों की सीधी नजर रही। Video-
सुबह 12 मोड़ से शुरू हुआ अभियान
संयुक्त टीम सुबह 12 मोड़ पहुंची और शराब दुकान के आसपास की झुग्गियों और दुकानों को तोड़ना शुरू किया। बीएसएल टीम के कर्नल शेखावत माइक से लोगों को बार-बार घर और दुकान खाली करने की घोषणा करते रहे। जेसीबी के गरजते ही लोग जल्दबाजी में अपना सामान निकालने लगे। आदेश मिलने पर बीएसएल की टीम हर झोपड़ी की जांच कर सिग्नल देती रही और फिर मशीनें ध्वस्त करती चली गईं।
एयरपोर्ट संचालन में बाधा बनने वाले घर-मकान हटाए गए
बीएसएल और जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से एयरपोर्ट की बाउंड्रीवाल से सटे दुकानों और घरों को हटाया। यह अतिक्रमण एयरपोर्ट के संचालन में प्रमुख बाधा बने हुए थे। हालांकि पहले दिन सेक्टर-12 मोड़ की मीट दुकानें नहीं तोड़ी गईं, लेकिन एयरपोर्ट जाने वाले रास्ते पर बनी झुग्गी-झोपड़ियों को हटा दिया गया।
BSL अधिकारी ने दी कानूनी कार्रवाई की जानकारी
पत्रकारों से बातचीत में अलोक चावला ने बताया कि यह अभियान सम्पदा न्यायालय के आदेश पर चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “यह सभी झुग्गी-झोपड़ियां अवैध हैं और एयरपोर्ट के विकास में बाधक हैं। आगे और भी निर्माण हटाए जाएंगे। अभियान सोमवार को भी चलाया जायेगा जिला प्रशासन और पुलिस का पूर्ण सहयोग मिला है।”
10 अक्टूबर को जारी हुआ था नोटिस, फिर भी नहीं हटे लोग
बीएसएल संपदा विभाग ने 10 अक्टूबर को सेक्टर-12 मोड़ के दुकानदारों को 15 दिनों के भीतर अवैध निर्माण हटाने का अल्टीमेटम दिया था। यह आदेश लोक परिसर (अप्राधिकृत दखलकारों की बेदखली) अधिनियम, 1971 की धारा 3 और 5(ए)(1) के तहत जारी किया गया था। बीएसएल द्वारा बार-बार माइक से घोषणा के बावजूद लोग नहीं हटे। वह लोग मांग कर रहे हैं कि पहले उन्हें बसाया जाए, फिर हटाया जाए।

