Bokaro: बोकारो शहर में वायु प्रदूषण, खासकर सर्दियों के दौरान, बढ़ जाता है। लोगों के अनुसार, बोकारो स्टील प्लांट (BSL) से निकलने वाली धूल (dust) हवा में मिलकर शहर पर गिरती है। यह वाहनों, पेड़ों, पौधों, पत्तियों, सड़कों और अन्य सतहों पर दिखाई देने वाली मोटी धूल की परत से स्पष्ट होता है। इसके अलावा, बोकारो स्टील प्लांट (BSL) के स्लज कंपार्टमेंट से फ्लाई ऐश मिला हुआ भारी मात्रा में गंदा पानी कई महीनों से कूलिंग पॉण्ड और गरगा नदी होते हुए दामोदर नदी में बह रहा है। कुछ महीने पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आयोजित एक जन सुनवाई में विस्थापित निवासियों द्वारा किया गया उग्र विरोध प्रदर्शन इसका प्रमाण है। फ्लाई ऐश पॉण्ड के खराब प्रबंधन से होने वाले प्रदूषण के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बीपीएससीएल पर लगाया गया लगभग 2 करोड़ रुपये का जुर्माना इस आलोचना को और भी पुष्ट करता है। इसके अलावा, बीएसएल पर्यावरण विभाग को आये दिन बीएसएल कर्मचारियों और ठेका मजदूरों द्वारा संयंत्र के भीतर बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ आवाज उठाने के लिए आलोचना का सामना कर रहा है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम-सह-कार्यशाला का शुभारंभ
इसी सब के बीच बोकारो स्टील प्लांट प्रबंधन द्वारा पर्यावरण स्थिरता (Environment Sustainability) की पहल के अंतर्गत ऑनलाइन उत्सर्जन निगरानी प्रणाली पर एक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम-सह-कार्यशाला का शुभारंभ आज 17 नवंबर, 2025 को पर्यावरण संरक्षण एवं स्थिरता विभाग के कॉन्फ़्रेंस हॉल में किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में संयंत्र के विभिन्न विभागों से 30 से अधिक प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया.
तीन-स्तरीय रणनीति
बीएसएल के प्रवक्ता मणिकांत धान ने कहा कि बीएसएल ने पर्यावरणीय मापदंडों की निगरानी हेतु तीन-स्तरीय रणनीति अपनाई है. बोकारो स्टील प्लांट के पर्यावरण संरक्षण एवं स्थिरता विभाग की पूर्ण-विकसित प्रयोगशाला द्वारा संयंत्र एवं टाउनशिप में हवा, पानी तथा स्टैक उत्सर्जन के विभिन्न मापदंडों के नमूने लेकर मानक प्रक्रियाओं के अनुसार उनका विश्लेषण किया जाता है. इसके अतिरिक्त, बीएसएल ने थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग के लिए एनएबीएल मान्यता प्राप्त एवं एमओईएफसीसी से अनुमोदित प्रयोगशाला को भी संलग्न किया है.
पर्यावरणीय मापदंडों की 24×7 रियल टाइम निगरानी
मणिकांत धान ने बताया कि इन प्रयासों के अलावा, विभिन्न पर्यावरणीय मापदंडों की 24×7 वास्तविक समय (Real Time) निगरानी हेतु, बीएसएल ने 33 स्टैक उत्सर्जन निगरानी प्रणाली और तीन एफ़्लुएंट गुणवत्ता निगरानी प्रणाली स्थापित की हैं. प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन मेसर्स एनवीया इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के बाह्य संकाय के माध्यम से किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य महाप्रबंधक (पर्यावरण) राजीव श्रीवास्तव द्वारा, महाप्रबंधक (ईसीएस) प्रीति झा और परियोजना निष्पादन क्षेत्र के प्रतिनिधि एम.के. सिंह की उपस्थिति में किया गया.
हैंड्स-ऑन अभ्यास
कार्यशाला में उप महाप्रबंधक (पर्यावरण) ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला और उन्नत प्रणाली के माध्यम से विभिन्न पर्यावरणीय मापदंडों की वास्तविक समय निगरानी के महत्व को समझाया, ताकि समय पर सुधारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके. मेसर्स एनवीया इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के संकाय सदस्य श्री राहुल मुरलीधर वेलहल ने अपनी टीम के साथ मिलकर, ऑनलाइन उत्सर्जन निगरानी प्रणाली के कार्यकारी सिद्धांतों तथा उचित परिचालन एवं रखरखाव के लिए आवश्यक कदमों पर विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया। इस प्रशिक्षण में प्रायोगिक प्रदर्शन (Practical Demonstrations) और हैंड्स-ऑन अभ्यास भी शामिल हैं.
ट्रबल-शूटिंग
यह प्रशिक्षण संयंत्र के सीओ एंड सीसी, एसपी, आरएमपी, बीएफ, एचएसएम, सीआरएम-1 & 2, और सीआरएम-3 जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्थापित 33 ऑनलाइन कंटीन्यूअस स्टैक उत्सर्जन निगरानी प्रणालियों के उचित ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस और ट्रबल-शूटिंग पर केंद्रित था। यह पहल एक स्वस्थ, जागरूक एवं सशक्त पर्यावरण के निर्माण की दिशा में बीएसएल की प्रतिबद्धता को सशक्त रूप से प्रतिबिंबित करती है.

