Bokaro : बोकारो स्टील प्लांट (BSL) प्रबंधन ने हाउस अलॉटमेंट रूल्स-2017 में कुछ खास बदलावों को मंज़ूरी दे दी है। इससे कर्मचारियों को बीएसएल के D-टाइप क्वार्टर के लिए एलिजिबिलिटी और सीनियरिटी को कंट्रोल करने वाले क्लॉज़ 6(e) में बड़े बदलाव हुए हैं। इस बदली हुई पॉलिसी का मकसद अलॉटमेंट प्रोसेस को ज़्यादा इनक्लूसिव और ट्रांसपेरेंट बनाना है।
पहले के प्रोविज़न के तहत, सिर्फ़ ग्रेड S-3 और उससे ऊपर के कर्मचारी ही D-टाइप क्वार्टर के लिए एलिजिबल थे। सीनियरिटी चार पैरामीटर के आधार पर तय की जाती थी- हायर ग्रेड में एंट्री की तारीख, SAIL/BSL में अपॉइंटमेंट की तारीख, जन्म की तारीख, और आखिर में स्टाफ नंबर, अगर बाकी सभी क्राइटेरिया मैच करते हैं।
नए बदले हुए प्रोविज़न के मुताबिक, पात्रता अब ग्रेड S-1 (Attendant-cum-Technician) और उससे ऊपर के कर्मचारियों तक बढ़ा दी गई है, जिससे स्टाफ का एक बड़ा हिस्सा D-टाइप अकोमोडेशन के लिए क्वालिफाई कर सकता है। हालांकि, सीनियरिटी तय करने का प्रोसेस वैसा ही रहेगा। हायर ग्रेड (S-11 से S-1) में एंट्री की तारीख के आधार पर प्रायोरिटी दी जाती रहेगी। अगर दो कर्मचारियों की ग्रेड एंट्री डेट एक जैसी है, तो सीनियरिटी SAIL/BSL में अपॉइंटमेंट की तारीख, उसके बाद जन्म की तारीख और आखिर में स्टाफ नंबर के आधार पर तय की जाएगी।
बीएसएल के प्रवक्ता मणिकांत धान ने बताया कि बदलावों को सेल अथॉरिटी ने मंज़ूरी दे दी है। सभी संबंधित डिपार्टमेंट को बता दिया गया है। उम्मीद है कि नए नियमों से हाउसिंग देने का प्रोसेस आसान होगा और सभी ग्रेड के कर्मचारियों को सही एक्सेस मिलेगा।

