Bokaro: बोकारो स्टील (BSL) मैनेजमेंट के दुंदीबाग में नोटिस लगाने के 24 घंटे के अंदर ही सभी राजनितिक पार्टियों के नेताओं ने आमसभा कर अतिक्रमण हटाने का कड़ा विरोध किया। नोटिस की बात इतनी फैल गई कि दुंदीबाग के दुकानदारों को लगा कि यह बोकारो एयरपोर्ट के विस्तार के सिलसिले में अतिक्रमण हटाने का नोटिस है। मामला बढ़ता गया और JMM, RJD, BJP और कांग्रेस के नेता इकट्ठा हो गए और जोशीले भाषण दिए। सबसे हैरानी की बात यह थी कि BSL की तरफ से दुंदीबाग में कोई नोटिस नहीं लगाया गया था, न ही एयरपोर्ट से जुड़े अतिक्रमण हटाने का कोई नोटिस था। इसके बजाय, जो लगाया गया था वह सिर्फ एक एस्टेट कोर्ट की तरफ से साधारण ‘सुचना’ (Information for Appearance) थी।
चिपकाया गया वह ‘नोटिस’ नहीं ‘सुचना’ थी
एस्टेट कोर्ट ने सुचना पत्र मे लिखा था कि – संपदा अधिकारी, बोकारो स्टील सिटी की अदालत में पब्लिक परिसर (अनधिकृत कब्ज़े वालों की बेदखली) एक्ट, 1971 की धारा 3 के तहत नियुक्त एक अथॉरिटी है। मामला संख्या ए/ई 102/2011, सेल, बोकारो स्टील प्लांट, बोकारो स्टील सिटी…………..बनाम आवेदक- दुंदीबाग बाजार और झुग्गी-झोपड़ी इलाके में कच्चे पक्के कमरे, दुकान के निवासी को ये सूचित किया गया है कि, ऊपर बताए गए (अनधिकृत रहने वाले) मामले में आपको 29.11.2025 को सुबह 10.00 बजे इस कोर्ट के सामने खुद या अपने ऑथराइज़्ड रिप्रेजेंटेटिव के ज़रिए पेश होने का निर्देश दिया जाता है। ताकि ऊपर तय तारीख और समय पर मामले में आगे की कार्रवाई की जा सके। अगर आप बताई गई तारीख और समय पर पेश नहीं होते हैं, तो मामले का फैसला एकतरफ़ा कर दिया जाएगा।
दुंदीबाग में मंगलवार को चिपकाये गए ‘सुचना’ को दुंदीबाग़ वाले ‘eviction notice’ समझ बैठे और विरोध प्रदर्शन करने लगे। जबकि सुचना के माध्यम से एस्टेट कोर्ट ने उक्त तारीख को उन्हें बुलाया ताकि वह आकर अपना पक्ष मजबूती से रख सके।
अतिक्रमण को लेकर दो हिस्सों में बटें लोग
अतिक्रमण को लेकर बोकारो टाउनशिप में स्तिथि गजब की है। अगर अतिक्रमण का ज़रा भी ज़िक्र होता है या BSL मैनेजमेंट की तरफ से कोई नोटिस लगाया जाता है, तो पूरे शहर का माहौल बदल जाता है, और लोकल पॉलिटिक्स गरमा जाती है। शहर में सोशल मीडिया दो हिस्सों में बंट जाता है: विस्थापित लोग, प्लॉट होल्डर और BSL क्वार्टर में रहने वाले लोग BSL को सपोर्ट करते हैं, जबकि खटाल मार्केट, सब्जी मार्केट के रहने वाले और अवैध तरीके से दुकान चलाने वाले लोग इसका विरोध करते हैं।
लोकल नेता भड़के
बुधवार को दुंदीबाजार में झुग्गी-झोपड़ी बचाओ अभियान को लेकर स्थानीय विक्रेताओं और विभिन्न राजनीतिक दलों ने संयुक्त रूप से आमसभा आयोजित की। आमसभा में बीजेपी जिला अध्यक्ष जयदेव राय, झामुमो के कार्यकर्ता मंटू यादव, पूर्व मेयर भोलू पासवान समेत कई दलों के नेता शामिल हुए। सभी ने एकमत होकर कहा कि वे दुंदीबाजार के विक्रेताओं के साथ खड़े हैं और बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए किसी को भी हटाना उचित नहीं होगा। भाजपा कार्यकर्ताओं ने यह भी बताया कि धनबाद सांसद ढुल्लू महतो ने स्पष्ट कहा है—“दुंदीबाजार से एक भी तिनका नहीं हटेगा।” हालांकि महतो स्वयं निजी कारणों से कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो सके। बैठक में निर्णय लिया गया कि एक संयुक्त कमेटी बनाई जाएगी, जो जल्द ही बीएसएल प्रबंधन तथा बोकारो डीसी से मिलकर अपना पक्ष रखेगी और ज्ञापन सौंपेगी।
विस्थापित भड़के
इधर दुंदीबाग में, लोकल नेताओं को अतिक्रमण हटाने की मुहिम का विरोध करते देख विस्थापित लोग भड़क गए। विस्थापित लोगों का कहना है कि उनके पुरखों ने अपनी ज़मीन BSL प्लांट लगाने के लिए दी थी। उस पर गैर-कानूनी कब्ज़ा करने के लिए नहीं। अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए। कई विस्थापित लोगों के ग्रुप BSL मैनेजमेंट से अतिक्रमण हटाने की मांग करते दिखे। विस्थापित लोगों का यह भी कहना है कि BSL की ज़मीन पर गैर-कानूनी कब्ज़ा करके जो लोग यहां बसे हैं, वे खानाबदोश नहीं हैं। वे कहीं से यहां आए हैं। वे जिस शहर के मूल निवासी हैं, या तो वे वापस चले जाएं या चास वगैरह इलाकों में किराए की दुकानों और घरों को लेकर या खरीदकर शान से व्यापर करें। शहर के विकास में हिस्सा बनें।

