Bokaro: ज़िले में अवैध बालू और कोयला खनन पर आज फिर प्रशासन “जाग गया”। उपायुक्त अजय नाथ झा ने डिस्ट्रिक्ट माइनिंग टास्क फोर्स की बैठक में सख्त निर्देश देते हुए कहा कि गैरकानूनी खनन बर्दाश्त नहीं होगा। अंचलाधिकारियों को निगरानी और एफआईआर का आदेश दिया गया है। अब देखना यह है कि निर्देश हर बार की तरह सिर्फ फाइलों तक सीमित रहते हैं या जमीन पर भी दिखते हैं।
जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, जिले में अवैध बालू खनन और परिवहन पर प्रभावी अंकुश लगाने को लेकर उपायुक्त अजय नाथ झा ने सख्त रुख अपनाया है। गुरुवार को गोपनीय कार्यालय कक्ष से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित डिस्ट्रिक्ट माइनिंग टास्क फोर्स की बैठक में उन्होंने स्पष्ट कहा कि अवैध खनन किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं होगा। सभी अंचलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में सतत निगरानी रखने, संदिग्ध स्थलों को चिन्हित करने और दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया गया।

उपायुक्त ने कैटेगरी-वन बालू घाटों के संचालन और निगरानी को लेकर सभी संबंधित मुखियाओं के लिए कार्यशाला आयोजित करने का निर्देश दिया, ताकि नियमों, शर्तों और दायित्वों की स्पष्ट जानकारी देकर अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके। जिला खनन पदाधिकारी रवि कुमार सिंह को सभी अंचलाधिकारियों को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया। एसओपी उल्लंघन की स्थिति में संबंधित पदाधिकारी की जवाबदेही तय होगी।
बैठक में सीसीएल ढोरी/कथारा और बीएंडके क्षेत्र की कोल कंपनियों को अपने-अपने क्षेत्रों में अवैध कोयला खनन पर पूर्ण रोक लगाने और उल्लंघन पाए जाने पर त्वरित कार्रवाई कर प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश दिए गए। साथ ही कंपनियों को वार्षिक लक्ष्य के अनुरूप कोयला उत्पादन सुनिश्चित करने को कहा गया। लक्ष्य में कमी पर आंतरिक समीक्षा कर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश भी दिए गए।
बैठक में अपर समाहर्ता मो. मुमताज अंसारी, जिला खनन पदाधिकारी, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी सहित सभी अंचलाधिकारी और कोल कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

