Bokaro: सेल के बोकारो स्टील प्लांट (BSL) में बदलाव अब केवल योजनाओं और निर्देशों तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह कार्यस्थल की सोच और संस्कृति में साफ दिखाई देने लगा है। इस सकारात्मक टर्नअराउंड की अगुवाई कर रहे हैं एक्सेक्यूटिव डायरेक्टर (ED) ऑपरेशन्स अनूप कुमार दत्त, जिनका फोकस उत्पादन से पहले मानव सुरक्षा और मानसिक संतुलन पर केंद्रित नजर आ रहा है। ईडी वर्क्स प्रिय रंजन का साथ, समन्वय और स्ट्रेटेजी इस सकारात्मक बदलाव को मजबूती प्रदान कर रहा है।
तनाव प्रबंधन
शनिवार को महिला संविदा कर्मियों के लिए आयोजित “तनाव प्रबंधन” कार्यक्रम इसी नई कार्यशैली का जीवंत उदाहरण बना। यह कार्यक्रम केवल एक प्रशिक्षण सत्र नहीं, बल्कि संवाद और भरोसे का मंच था। दत्त ने महिला कर्मियों से खुलकर बातचीत करते हुए उन्हें अपनी चुनौतियां साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया। उनका स्पष्ट संदेश था कि स्वस्थ मन और सशक्त महिला कर्मी ही मजबूत और स्थायी उत्पादन व्यवस्था की नींव हैं। योग, स्वास्थ्य जागरूकता और वैधानिक अधिकारों पर आधारित सत्रों ने महिला कर्मियों को आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच से भर दिया।

सुरक्षित हम–सुरक्षित प्लांट
इसी क्रम में एसएमएस-II एवं सीसीएस विभाग में आयोजित “सुरक्षित हम–सुरक्षित प्लांट” संवाद कार्यक्रम ने सुरक्षा को लेकर उनकी गंभीरता को और मजबूत किया। कर्मचारियों और ठेका श्रमिकों के साथ सीधे संवाद करते हुए दत्त ने सुरक्षा को कागजी औपचारिकता से निकालकर दैनिक आदत बनाने की अपील की। उन्होंने जोखिम पहचान, जोखिम आकलन और सतर्कता को दुर्घटनाओं की रोकथाम का सबसे प्रभावी हथियार बताया।
नई औद्योगिक संस्कृति आकार ले रही है
खास बात यह रही कि इस संवाद में कर्मियों की राय और अनुभवों को भी उतनी ही अहमियत दी गई। कर्मचारियों ने “शून्य-दुर्घटना कार्यस्थल” के संकल्प को दोहराते हुए सुरक्षित वातावरण के निर्माण में सक्रिय भागीदारी का भरोसा दिलाया। तनाव प्रबंधन से लेकर सुरक्षा संवाद तक, अनूप कुमार दत्त की पहल यह संकेत दे रही है कि बोकारो स्टील प्लांट में अब सुरक्षा, संवेदनशीलता और सशक्तिकरण के साथ एक नई औद्योगिक संस्कृति आकार ले रही है, और यही इस बदलाव की सबसे बड़ी सफलता है।

