Bokaro: न्याय सदन बोकारो स्थित सभागार में सोमवार को जिला खनीज फाउंडेशन ट्रस्ट (DMFT) न्यास परिषद की बैठक हुई। बैठक में विधायक बोकारो विरंची नारायण द्वारा टाउन हाल के निर्माण के प्रस्ताव पर उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने कहा कि नगर विकास विभाग को स्वीकृति के लिए डीपीआर भेजा गया है, स्वीकृति प्राप्त होने के बाद तुरंत भूमि चिन्हित कर कार्य शुरू किया जाएगा। स्पोर्ट कंपलैक्स निर्माण के लिए उपायुक्त ने डीपीआर बनाकर राज्य सरकार से अनुमति लेने की बात कहीं।
बैठक में योजनाओं की प्रगति की मानीटरिंग के लिए उपायुक्त ने सदस्य सचिव सह उप विकास आयुक्त को प्रति तीन माह पर डीएमएफटी प्रबंधकीय समिति की बैठक आयोजित करने एवं प्रोजेक्ट मानीटरिंग यूनिट (पीएमयू) को गठित करने का निर्देश दिया। डीएमएफटी की प्रबंधकीय समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों से सभी जन प्रतिनिधियों को सदस्य सचिव सह उप विकास आयुक्त ने अवगत कराया। कोविड काल में स्वास्थ्य एवं शिक्षा प्रक्षेत्र में किए गए कार्यों को बताते हुए संबंधित योजनाओं के घटनोतर स्वीकृति प्रदान करने को लेकर विस्तृत जानकारी दी।
DMFT की बैठक में यह थे उपस्तिथ
बैठक की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष सह उपायुक्त ने की। मौके पर गिरीडीह सांसद चंद प्रकाश चौधरी, बोकारो विधायक विरंची नारायण, गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महत्तो, बेरमो विधायक जय मंगल सिंह उर्फ अनुप कुमार, मंत्री प्रतिनिधि, धनबाद सांसद प्रतिनिधि, विधायक चंदनकियारी प्रतिनिधि समेत खनन से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित पंचायतों के प्रमुख/उप प्रमुख, मुखिया/उप मुखिया व जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक का संचालन परिषद के सदस्य सचिव सह उप विकास आयुक्त जय किशोर प्रसाद ने किया।
संसद और विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र से संबंधित विभिन्न विकास योजनाओं का प्रस्ताव न्यास समिति के समक्ष रखा। सभी ने क्षेत्र से संबंधित जन उपयोगी योजनाओं को डीएमएफटी मद से अनुमोदन देकर स्वीकृत करने की बात कहीं। साथ ही योजनाओं की प्रगति का निगरानी के लिए मानीटरिंग कमेटी बनाने को कहा।
उपायुक्त ने सभी सदस्यों को सरकार द्वारा जारी दिशा – निर्देश डीएमएफटी के तहत उपलब्ध राशि की खर्च करने/कौन – कौन सी योजनाओं को लिया जा सकता हैं उसकी विस्तृत जानकारी दी। कहा कि डीएमएफटी की राशि खनन से प्रभावित पंचायत क्षेत्रों (प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से) प्रभावित हो रहा हैं वहीं किया जाना है। इसके लिए ग्राम सभा के माध्यम से योजनाओं का चयन किया जाता है। चयन के समय उच्च एवं निम्न प्राथमिकताओं का ध्यान रखना है। उपायुक्त ने उच्च प्राथमिकताओं में पेयजल, पर्यावरण, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला बाल कल्याण, वृद्ध – दिव्यांग, कौशल विकास, स्वच्छता, सड़क – पुल/पुलिया, सिंचाई, उर्जा विकास आदि से संबंधित योजनाओं को लेने की बात कहीं