Bokaro: गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी द्वारा उपायुक्त बोकारो कुलदीप चौधरी पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाना आज चर्चे में रहा। हालांकि बात यह भी निकल कर आई कि जिस सड़क के शिलान्यास कार्यक्रम में नहीं बुलाये जाने पर सांसद गुस्सा है, उसके बारे में उपायुक्त को पहले पता ही नहीं था। समाहरणालय में लोग कहते पाए गए कि “किया कोई, भरा कोई”।
हालांकि उपायुक्त ने उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्यक्रम के आयोजन में मुख्य भूमिका निभाने वाले ग्रामीण निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता श्रवण कुमार और सड़क निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता प्रेम प्रकाश कुमार सिंह को शो कॉज कर दिया है। जिला प्रसाशन के अधिकारियों के अनुसार इन दोनों कार्यकारी अभियंताओं ने उपायुक्त या उनके गोपनीय में कार्यक्रम के बारे में कोई चर्चा नहीं की थी। मेहमानों के लिस्ट की जानकारी देना तो दूर की बात है।
बताया जा रहा है कि डीसी को यह इल्म ही नहीं था कि सांसद महोदय को नहीं बुलाया गया है। जब तक उनको यह बात पता चलती तब तक काफी देर हो चुकी थी और कार्यक्रम ख़त्म हो चूका था। जिसके बाद, उन्होंने तुरंत कार्यकारी अभियंताओं को शो कॉज कर जवाब-तलब किया है। घटना के बारे में जानने वाले लोगों के अनुसार थोड़ी सी गफलत के कारण सांसद उपायुक्त पर गुस्सा हो गए है। उनपर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगा बैठे।
हालांकि सांसद के करीबी बताते है कि यह पहली बार नहीं है जब ऐसा हुआ है। इसके पहले भी कई कार्यक्रमों की सुचना जिला प्रसाशन सांसद को नहीं दिया है। नावाडीह के सुरही वाले कार्यक्रम में स्थानीय विधायक जगरनाथ महतो से शिलन्यास करवाया गया, पर उसी इलाके के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी को बुलाना तो दूर की बात है बताया भी नहीं गया। यह तो अपमान करना ही हुआ।
सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र भेजकर घटना की जानकारी दी है। सांसद ने कहा, “शिलान्यास कार्यक्रम में न मुझे बुलाया गया और न ही आधारशिला पर नाम ही लिखा गया। यह तो मेरा अपमान करना ही हुआ। मैंने डीसी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया है।” हालांकि डीसी ने इस मामले में कुछ भी बोलने से इंकार किया है। बताया जा रहा है कि 20 फरवरी को हुए उस कार्यक्रम में डीसी शामिल नहीं हुए थे।